News Image

एथेनॉल फैक्टरी विवाद पर हनुमानगढ़ में दूसरा दिन भी तनावपूर्ण; ग्रामीणों में भय, आंदोलन जारी

हनुमानगढ़ जिले में निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्टरी को लेकर हालात गुरुवार को भी तनावपूर्ण बने रहे। बुधवार को हुई हिंसा के बाद जिले के तिब्बी व राठीखेड़ा क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है तथा एहतियातन इंटरनेट सेवाएं दूसरे दिन भी बंद रखी गई हैं।
फैक्टरी के निकट रहने वाले लगभग 30 परिवार सुरक्षा की आशंका के चलते अपने घरों को अस्थायी रूप से छोड़ चुके हैं।

गुरुवार सुबह से ही किसान तिब्बी के पास स्थित गुरुद्वारे में एकत्रित होकर आंदोलन की आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। किसान संगठनों और विपक्षी नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।

बुधवार को किसानों और प्रशासन के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। प्रदर्शनकारियों ने राठीखेड़ा स्थित ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड के निर्माण स्थल पर तोड़फोड़ की, कार्यालय व कई वाहनों में आग लगाई। पुलिस द्वारा भीड़ को रोकने पर दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई, जिसके दौरान 50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएँ भी शामिल हैं। कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया को सिर में चोट आने पर अस्पताल ले जाया गया।

जिला प्रशासन का कहना है कि एथेनॉल प्लांट को भूमि रूपांतरण से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक सभी आवश्यक अनुमतियाँ मिली हुई हैं। कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने बताया कि शांतिपूर्ण महापंचायत की अनुमति थी, किंतु कुछ असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया, जिसके बाद स्थिति बिगड़ी।
क्षेत्र में पुलिस, आरएसी और होमगार्ड का अतिरिक्त बल तैनात है।

कांग्रेस, सीपीआई(एम) तथा हरियाणा-पंजाब के किसान संगठनों ने आंदोलन का समर्थन किया है।
फैक्टरी हटाओ संघर्ष समिति के नेताओं ने दावा किया है कि घायल किसानों की संख्या 70 से अधिक है और 100 से अधिक किसान रातभर गुरुद्वारे में रुके रहे।

किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि जब तक पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय निवासियों की स्पष्ट सहमति नहीं मिलती, फैक्टरी का निर्माण व संचालन रोक दिया जाए।
वहीं, कंपनी का कहना है कि यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम को गति देगा और क्षेत्र में रोजगार सृजित करेगा।