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मणिपुर दौरे पर शिवसेना (शिंदे गुट) का कांग्रेस पर पलटवार, कहा – ‘जनता को भड़काने का काम कर रही है’

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित मणिपुर यात्रा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। शिवसेना (शिंदे गुट) ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह मणिपुर संकट पर राजनीति कर रही है और लोगों की भावनाओं को भड़का रही है।

राज्य इकाई के अध्यक्ष डॉ. एम. तोम्बी सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश का बयान गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ है। रमेश ने कहा था कि प्रधानमंत्री की जल्दबाजी में की गई यात्रा राज्य की जनता का अपमान है। तोम्बी ने कहा, “प्रधानमंत्री का स्वागत होना चाहिए, उनकी यात्रा पर राजनीति करना गलत है। इस समय राज्य को शांति और समाधान की जरूरत है, न कि सियासी बहस की।”

प्रधानमंत्री की पहली यात्रा
13 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर का दौरा करेंगे। मई 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़कने के बाद यह उनकी पहली यात्रा होगी। शिवसेना का कहना है कि इस दौरान सबसे अहम मुद्दा आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों का पुनर्वास होना चाहिए।

कुकी संगठनों पर सवाल
शिवसेना नेता ने केंद्र और कुकी संगठनों – कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट – के साथ बढ़ाए गए सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस समझौते पर भी सवाल उठाए। उनका आरोप है कि ये संगठन अब भी अवैध वसूली और हथियारबंद गतिविधियों में शामिल हैं।

कांग्रेस पर सीधा हमला
तोम्बी सिंह ने कहा कि कांग्रेस को लोगों को भड़काने के बजाय रचनात्मक सुझाव देने चाहिए। उनका आरोप था कि कांग्रेस ने कभी भी मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए और अब केवल राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।

लोकप्रिय सरकार की बहाली की मांग
शिवसेना ने मांग की कि प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले राज्य में लोकप्रिय सरकार बहाल की जाए। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद से मणिपुर राष्ट्रपति शासन में है। पार्टी का कहना है कि लोकतांत्रिक सरकार के बिना जनता की समस्याओं का समाधान संभव नहीं।

शांति बहाली पर जोर
शिवसेना ने कहा कि मणिपुर पहले भी जातीय संघर्षों से गुजरा है, जैसे कुकी-नागा विवाद, लेकिन अंततः समाधान निकला। इस बार भी सभी पक्षों को शांति की दिशा में कदम बढ़ाना होगा। पार्टी ने मांग की कि हथियारबंद समूहों को निरस्त्र कर स्थायी शांति स्थापित की जाए।