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ब्रज चौरासी क्षेत्र में मांसाहार व नशा मुक्ति का संदेश देकर अजमेर लौटे डॉ. मोक्षराज* 

 

आर्यसमाज के वेद प्रचार रथ द्वारा डॉ. मोक्षराज के नेतृत्व में ब्रज चौरासी क्षेत्र में शाकाहार, सदाचार एवं नशामुक्ति यात्रा के अंतर्गत गौ रक्षा और वैदिक सिद्धान्तों का छ: दिन तक प्रचार किया गया ।

जनजागरूकता हेतु संचालित यह विशाल रैली जयगुरुदेव संस्था के प्रमुख पदाधिकारी पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर के निर्देशन में मथुरा से आरंभ हुई । इस यात्रा में वैदिक विद्वान् डॉ मोक्षराज को प्रमुख वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गयाथा।  

यात्रा में शामिल हुए 70 वाहनों में महर्षि दयानंद सरस्वती स्मृति भवन न्यास जोधपुर द्वारा निर्मित वेद प्रचार रथ आकर्षण का केंद्र रहा । इस यात्रा में भिंड, मुरेना, ग्वालियर, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, अलवर, जयपुर, भरतपुर, डीग, नगर, कोसी आदि क्षेत्रों से 400 कार्यकर्ता स्त्री पुरुषों ने सक्रियता पूर्वक भाग लिया । 

एक सितंबर से छ: सितम्बर तक संचालित यह यात्रा मथुरा, गोवर्धन, डीग, आदिबद्री, कॉंमा, नंदगाँव, बरसाना आदि प्रमुख धार्मिक स्थलों के साथ ब्रज क्षेत्र के लगभग पचास गाँवों में प्रचार कर शनिवार को पुनः मथुरा पहुँची।

जिन क्षेत्रों से यात्रा निकली उनमें आदिबद्री, यमुना नदी व जटेरी धाम का प्राकृतिक सौन्दर्य और कॉंमा, नंदगाँव व बरसाना का ऐतिहासिक एवं स्थापत्य विलक्षण था। नंदगाँव में नंद बाबा का महल, बरसाने में जयपुर के महाराज द्वारा निर्मित राधारानी का महल, गोवर्धन स्थित दान घाटी एवं रमेश बाबा द्वारा संचालित विशाल गऊशाला आकर्षण का केंद्र रहे। 

हर गॉंव नगर में वाहनों से उतरकर सभी कायकर्ता नुक्कड़ सभाओं व पत्रक बाँटकर प्रचार करते रहे तथा गोपीचंद गुर्जर व डॉ. मोक्षराज के व्याख्यान हुए ।

इस दौरान डॉ. मोक्षराज ने जहॉं शाकाहार को धरती की रक्षा के लिए आवश्यक बताया वहीं मांसाहार के कारण भविष्य में आने वाली विभीषिकाओं से बचने का भी संदेश दिया । 

यात्रा में महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा रचित गोकरुणानिधि आर्योद्देश्यरत्नमाला, व्यवहारभानु, पंचमहायज्ञ व सत्यार्थप्रकाश जैसे कई हजार ग्रंथ नि:शुल्क वितरित किए ।