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शांति समझौते से पहले विदेशी सैनिक आए तो होगा युद्ध का विस्तार' – पुतिन

 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ चेतावनी दी है कि शांति समझौते से पहले अगर कोई विदेशी सैनिक यूक्रेन में तैनात किए जाते हैं, तो रूस उन्हें "वैध निशाना" मानेगा। पुतिन का यह बयान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के उस प्रस्ताव के बाद आया है, जिसमें 26 देशों ने शांति मिशन के लिए सैनिक भेजने की प्रतिबद्धता जताई थी।

व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा—
"अगर यूक्रेन में कोई सैनिक आता है, खासकर तब जब युद्ध जारी है, तो वे हमारे लिए वैध निशाना होंगे।"
उन्होंने दोहराया कि रूस किसी अंतिम शांति समझौते का पालन करेगा, लेकिन मौजूदा हालात में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

फ्रांस का प्रस्ताव

पेरिस में 35 देशों की बैठक के बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा था कि युद्धविराम या शांति समझौते के बाद 26 देशों के सैनिक "रिअश्योरेंस फोर्स" के रूप में यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भेजे जा सकते हैं।

रूस की असहमति

रूस पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि नाटो या किसी भी अंतरराष्ट्रीय शांति बल की यूक्रेन में मौजूदगी अस्वीकार्य है। पुतिन ने कहा कि किसी भी समझौते के बाद रूस अपनी सुरक्षा को लेकर किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगा।

युद्ध की पृष्ठभूमि

24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर व्यापक हमला किया था। इससे पहले 2014 में उसने क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा किया था। पिछले साढ़े तीन साल से जारी इस युद्ध में हजारों लोगों की जान जा चुकी है और रूस-पश्चिम के रिश्ते लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं।

पुतिन का ताजा बयान संकेत देता है कि अगर विदेशी सेनाओं ने बीच में दखल दिया तो यह युद्ध और ज्यादा भड़क सकता है, जिससे यूरोप ही नहीं पूरी दुनिया की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडरा सकता है।