.png)
7 सितंबर को साल का आखिरी चंद्रग्रहण: सूतक काल कब से शुरू होगा? नियम जानें वरना हो सकती है अनहोनी!
इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण अब ज्यादा दूर नहीं है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यह ग्रहण कई मायनों में खास होगा क्योंकि यह भारत समेत दुनिया के कई देशों में स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण है। कहा जा रहा है कि यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए बड़ा बदलाव लेकर आ सकता है। आइए जानते हैं कब लगेगा ग्रहण, कब शुरू होगा सूतक काल और किन नियमों का पालन ज़रूरी है।
🌕 कब लगेगा चंद्रग्रहण?
2025 का अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात को लगेगा।
ग्रहण का आरंभ: रात 9:57 बजे
पूर्ण चंद्रग्रहण: रात 11:01 से 12:23 बजे तक (कुल 1 घंटा 22 मिनट)
ग्रहण का समापन: रात लगभग 1:27 बजे
चंद्रमा इस दौरान लालिमा लिए अद्भुत और रहस्यमय दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून भी कहते हैं।
🔔 सूतक काल कब से?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है।
सूतक काल आरंभ: दोपहर 1:57 बजे
इस समय से ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और धार्मिक कार्य रोक दिए जाएंगे।
⚠️ क्यों माना जाता है सूतक काल खतरनाक?
शास्त्रों में सूतक काल को अशुभ और ऊर्जाओं के असंतुलन का समय कहा गया है। मान्यता है कि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं। इसलिए इस समय:
भोजन-जल का सेवन वर्जित है।
शुभ कार्य, शादी-ब्याह या पूजा-पाठ करना मना है।
घर और मंदिर की मूर्तियों को स्पर्श करना भी टाला जाता है।
📜 सूतक काल के नियम:
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
इस दौरान बाल, नाखून काटना अशुभ माना जाता है।
भोजन में तुलसी पत्ते डालने की परंपरा है।
भगवान के मंत्रों का जाप शुभ फल देता है।
ग्रहण खत्म होते ही स्नान और घर की शुद्धि जरूरी मानी गई है।
🔮 क्या कहती है ज्योतिषीय मान्यता?
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि यह चंद्रग्रहण कुछ राशियों के लिए परीक्षा की घड़ी साबित हो सकता है, तो कुछ के लिए सौभाग्य का संकेत भी होगा। कौन-सी राशियों पर इसका असर ज्यादा होगा? कौन सावधान रहे और कौन खुशखबरी पाए? इसका खुलासा ग्रहण के दिन रात के आसमान में होगा।
💡 नोट: यह जानकारी धार्मिक ग्रंथों, ज्योतिष और पंचांग के आधार पर दी गई है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण खगोलीय घटना है, लेकिन मान्यताओं का पालन पूरी तरह आपके विश्वास पर निर्भर करता है।