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दूसरे देशों में किम जोंग-उन के सभी निशान क्यों मिटा देता है उनका स्टाफ?
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन का स्टाफ एक बैठक के बाद कमरे की बारीकी से सफाई करता नजर आता है। यह सामान्य सफाई नहीं, बल्कि किम से जुड़ी हर चीज़—उनके स्पर्श या डीएनए के निशान तक को मिटाने का प्रयास था।
कहां का है यह वीडियो?
किम जोंग-उन हाल ही में चीन के बीजिंग पहुंचे, जहां उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ी सैन्य परेड में हिस्सा लिया और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो इसी बैठक के बाद का है।
वीडियो को रूसी पत्रकार एलेक्जेंडर युनाशेव ने साझा किया था। इसमें उत्तर कोरियाई अधिकारी किम की कुर्सी के हैंडरेस्ट, टेबल, व्हिस्की ग्लास और ट्रे तक को साफ करते नजर आ रहे हैं, ताकि उनकी मौजूदगी के कोई सबूत पीछे न रह जाएं।
किम के डीएनए को मिटाने की वजह
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया किम जोंग-उन का डीएनए किसी भी हालत में दूसरे देशों तक पहुंचने नहीं देना चाहता।
कारण यह है कि डीएनए से किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य, आदतों और अन्य कई अहम जानकारियां हासिल की जा सकती हैं। अगर किम के स्वास्थ्य की जानकारी बाहर आ गई तो यह उनकी छवि और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा बन सकती है।
उत्तर कोरिया में किम परिवार को भगवान के समान दर्जा दिया जाता है और उनके बीमार होने की बात तक को प्रचारित नहीं किया जाता। यही कारण है कि किम के मल-मूत्र, लार या सिगरेट बट तक को सावधानी से इकट्ठा किया जाता है और वापस उत्तर कोरिया ले जाकर नष्ट कर दिया जाता है।
सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले खास कदम
जिस होटल रूम में किम ठहरते हैं, वहां उनका कोई भी जैविक अंश बाहर न जाने पाए, इसके लिए उनके सभी शारीरिक अपशिष्ट को एकत्र कर नष्ट किया जाता है।
उनके सिगरेट बट, माचिस, और खाने-पीने के बर्तनों तक को वापस ले जाया जाता है, ताकि कोई उनका डीएनए हासिल न कर सके।
किम की सुरक्षा के लिए उनके जैसे दिखने वाले कई ‘बॉडी डबल्स’ भी साथ रखे जाते हैं, ताकि खतरे के हालात में असली किम को सुरक्षित रखा जा सके।