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हाईकोर्ट का सख्त रुख: 17 लोगों के कॉल रिकॉर्ड की होगी जांच

 

पश्चिम बंगाल में दो भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए 17 लोगों के कॉल रिकॉर्ड की जांच के आदेश दिए हैं। इन 17 लोगों में डॉक्टर, अनुसंधान अधिकारी, थाना प्रभारी समेत कई अधिकारी शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला

पूर्व मिदनापुर जिले के खेजुरी में 12 जुलाई को जलसा देखने गए भाजपा कार्यकर्ता सुजीत दास और सुजीत पाइक की मौत हो गई थी। मिदनापुर मेडिकल कॉलेज की पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दावा किया गया कि दोनों की मौत बिजली का झटका लगने से हुई। हालांकि, मृतकों के परिवार ने हत्या का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

अदालत के आदेश पर एसएसकेएम अस्पताल में दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें शवों पर चोट के निशान पाए गए। इससे मामला और संदिग्ध हो गया।

हाईकोर्ट के सवाल

न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति सब्बर रसिदी की खंडपीठ ने कहा कि दो अलग-अलग पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से सिस्टम पर लोगों का विश्वास डगमगा सकता है। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि इतने बड़े मेले में इतनी गंभीर घटना हुई, फिर भी कोई प्रत्यक्षदर्शी क्यों सामने नहीं आया। अदालत ने गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।

कॉल रिकॉर्ड जांच का आदेश

अदालत ने कहा कि जिन 17 लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके कॉल रिकॉर्ड की जांच की जाए और उन पर शुरुआती जांच शुरू की जाए। सीबीआई जांच की मांग पर फैसला मुख्य याचिका की सुनवाई के दौरान लिया जाएगा।