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पितृ पक्ष में लगाएं ये 3 पेड़-पौधे, मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद

 

हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और आश्विन मास की अमावस्या को इसका समापन होता है। इस बार पितृ पक्ष 7 सितंबर 2025 से शुरू होकर 21 सितंबर 2025 तक रहेगा।

यह पवित्र अवधि पूर्वजों की आत्मशांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कर्म करने के लिए जानी जाती है। मान्यता है कि इस समय किए गए दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

पंडितों के अनुसार पितृ पक्ष में कुछ विशेष पेड़-पौधे लगाना और उनकी सेवा करना बेहद शुभ माना गया है। इससे पितृ प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

🌳 1. पीपल का पेड़

धार्मिक मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में देवताओं और पितरों का वास होता है। पितृ पक्ष के दौरान पीपल का पौधा लगाना और उसका पूजन करना विशेष फलदायी माना गया है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

🌳 2. बरगद का पेड़

बरगद का वृक्ष अमरत्व, स्थिरता और ब्रह्मा, विष्णु, महेश की त्रिमूर्ति का प्रतीक है। पितृ पक्ष में इस पेड़ को लगाना घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और परिवार में लंबी उम्र व सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।

🌿 3. तुलसी का पौधा

तुलसी को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र पौधा माना गया है। तुलसी की पूजा से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। पितृ पक्ष में तुलसी का पौधा लगाने से ग्रह दोषों का निवारण होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

🗓️ पितृ पक्ष 2025 का श्राद्ध तिथि-विवरण

पंचमी श्राद्ध: 12 सितंबर 2025

षष्ठी श्राद्ध: 12 सितंबर 2025

सप्तमी श्राद्ध: 13 सितंबर 2025

अष्टमी श्राद्ध: 14 सितंबर 2025

नवमी श्राद्ध: 15 सितंबर 2025

दशमी श्राद्ध: 16 सितंबर 2025

एकादशी श्राद्ध: 17 सितंबर 2025

द्वादशी श्राद्ध: 18 सितंबर 2025

त्रयोदशी और माघ श्राद्ध: 19 सितंबर 2025

चतुर्दशी श्राद्ध: 20 सितंबर 2025

सर्वपितृ अमावस्या (पितृ विसर्जन): 21 सितंबर 2025

🔮 निष्कर्ष:
पितृ पक्ष में पीपल, बरगद और तुलसी जैसे पवित्र पौधों को लगाना और उनकी सेवा करना पूर्वजों को प्रसन्न करने का सरल और प्रभावी उपाय है। इससे घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।