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भोजन के बाद क्यों खाई जाती है सौंफ और मिश्री?

 

भारतीय भोजन संस्कृति में भोजन के बाद सौंफ और मिश्री खाने की परंपरा बहुत पुरानी है। यह सिर्फ स्वाद बढ़ाने या मुँह की ताजगी के लिए ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान, दोनों ही सौंफ और मिश्री के गुणों को मान्यता देते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे छिपे कारण:

🌿 सौंफ के फायदे

पाचन शक्ति बढ़ाती है:
सौंफ में मौजूद तेल और प्राकृतिक तत्व पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करते हैं। यह पेट की गैस, अपच और भारीपन जैसी समस्याओं को दूर करती है।

शरीर को ठंडक देती है:
सौंफ का स्वभाव शीतल होता है। यह शरीर की गर्मी को कम कर ठंडक का एहसास कराती है, खासकर गर्मियों में इसका सेवन फायदेमंद है।

मुँह की दुर्गंध दूर करती है:
सौंफ में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो मुँह की दुर्गंध को दूर कर सांसों को ताजगी प्रदान करते हैं।

🍬 मिश्री के फायदे

ऊर्जा का त्वरित स्रोत:
मिश्री प्राकृतिक शुगर का एक हल्का रूप है, जो भोजन के बाद शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है।

गले की खराश में राहत:
मिश्री का सेवन गले को मुलायम बनाता है और खराश या खिचखिच से राहत दिलाता है।

मस्तिष्क को शांति देती है:
मिश्री का सेवन दिमाग को ठंडक पहुँचाता है और तनाव कम करने में सहायक होता है।

🥄 सौंफ और मिश्री का साथ क्यों?

सौंफ और मिश्री का कॉम्बिनेशन पाचन को बेहतर बनाता है और गैस की समस्या को दूर करता है।

दोनों का स्वाद मिलकर मुँह का स्वाद बदल देता है, जिससे भोजन के बाद ताजगी महसूस होती है।

यह मुँह की सफाई में मदद करता है और दाँतों को मजबूत रखने में भी सहायक है।

निष्कर्ष

भोजन के बाद सौंफ और मिश्री खाने की परंपरा सिर्फ स्वाद या आदत नहीं, बल्कि सेहत का खज़ाना है। यह पाचन सुधारने, शरीर को ठंडक देने और मुँह की ताजगी बनाए रखने का आसान और प्राकृतिक तरीका है। यही कारण है कि भारतीय घरों और रेस्टोरेंट्स में सौंफ-मिश्री का सेवन आज भी उतना ही लोकप्रिय है।