.png)
विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग के नाम पर ठगी: 394 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, ईडी ने 9.31 करोड़ की संपत्ति कुर्क की
चंडीगढ़। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा व्यापार में 5-6% मासिक रिटर्न का झांसा देकर चलाए गए बड़े निवेश घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने 26 अगस्त 2025 को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत क्यूएफएक्स/वाईएफएक्स/यॉर्करएफएक्स/बॉटब्रो घोटाले से जुड़े आरोपियों, एजेंटों और उनके परिवारों की 9.31 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
कुर्क की गई संपत्तियों में 45 अचल संपत्तियां (फ्लैट, प्लॉट, कृषि भूमि) शामिल हैं, जो उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में फैली हुई हैं। इसके अलावा 1.1 करोड़ रुपये बैंक खातों में जमा राशि के रूप में भी जब्त किए गए हैं।
ईडी की जांच में सामने आया कि नवाब उर्फ लवीश चौधरी और राजेंद्र कुमार सूद समेत कई लोगों ने एक पोंजी-स्टाइल एमएलएम योजना के जरिए निवेशकों को विदेशी मुद्रा व्यापार का लालच दिया, जबकि वास्तविक रूप से कोई व्यापार नहीं हुआ। निवेशकों का पैसा क्यूएफएक्स डिजिटल सर्विसेज, क्यूएफएक्स एजुकेशन, एटलांट्योर स्पोर्ट्स एंड मीडिया प्रा. लि. जैसी कंपनियों के खातों में डालकर बाद में इसे आरोपियों और एजेंटों के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।
इससे पहले फरवरी और जुलाई 2025 में भी ईडी ने इस मामले में कई तलाशी और कार्रवाई कर 394 करोड़ रुपये से जुड़े 194 बैंक खातों को फ्रीज किया था। जांच में यह भी पता चला कि ठगी की रकम को सफेद दिखाने के लिए चल-अचल संपत्तियों में निवेश किया गया।
क्यूएफएक्स समूह के खिलाफ हिमाचल प्रदेश, असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में IPC, BNS और प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (बैनिंग) एक्ट के तहत केस दर्ज हैं। ईडी की यह नवीनतम कार्रवाई इस नेटवर्क की अवैध वित्तीय गतिविधियों पर शिकंजा कसने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।