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धौलपुर की रामकथा में बोलीं वसुंधरा राजे: “हर जीवन में आता है वनवास”, बयान के राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे
राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चर्चा में हैं। धौलपुर में आयोजित रामकथा के दौरान उन्होंने कहा कि वनवास सिर्फ भगवान राम के जीवन का हिस्सा नहीं था, बल्कि हर व्यक्ति के जीवन में भी ऐसा दौर आता है। उन्होंने कहा कि सुख-दुख किसी के जीवन में स्थायी नहीं होते, इसलिए हर परिस्थिति का सामना धैर्य और विश्वास के साथ करना चाहिए।
गुरुवार को धौलपुर शहर की परशुराम धर्मशाला में चल रही रामकथा के दौरान राजे ने धार्मिक अंदाज में जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने धौलपुर को अपना परिवार और खुद को इस परिवार की बहू बताते हुए कहा कि परिवार में हर सदस्य की अपनी भूमिका और जिम्मेदारी होती है, जिसे निभाना जरूरी है।
भगवान राम की सीख का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रामराज्य का मूल मंत्र है कि सभी जाति, धर्म और वर्ग के लोग मिलजुलकर रहें। समाज को जोड़कर आगे बढ़ाना ही सच्चे रामराज्य की पहचान है। राजे ने कहा कि डर केवल तभी लगता है जब इंसान गलत रास्ता चुनता है। धर्म और वेद-विज्ञान को जीवन में अपनाने से भय खत्म हो जाता है।
हालांकि राजे का यह बयान धार्मिक संदर्भ में था, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसके मायने निकाले जा रहे हैं। लंबे समय से राजस्थान की राजनीति में सक्रिय रहने के बावजूद पार्टी संगठन में उन्हें उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा है। ऐसे में उनके ‘वनवास’ वाले बयान को राजनीतिक वनवास से भी जोड़ा जा रहा है। धार्मिक मंच से दिया गया यह बयान अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।