
भारत संग बिगड़ते रिश्तों पर पूर्व अमेरिकी अधिकारियों की ट्रंप को नसीहत
रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जिससे कुल टैरिफ दर 50% तक पहुंच गई है। इस कदम से भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच टकराव उचित नहीं है। उन्होंने कहा,
“बड़े राष्ट्र अपनी महानता अल्टीमेटम देकर नहीं, बल्कि कूटनीतिक प्रयासों के जरिए सहमति बनाकर दिखाते हैं। ओबामा शासनकाल में बातचीत सहयोग और सम्मान के साथ होती थी, लेकिन अब आदेश और दबाव की राजनीति बढ़ गई है।”
केरी ने उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका जल्द ही व्यापार विवाद को हल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने कई अमेरिकी आयातों पर शून्य शुल्क की पेशकश की है, जो एक सकारात्मक कदम है।
इससे पहले, व्हाइट हाउस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी जॉन बोल्टन ने भी ट्रंप के फैसले को रणनीतिक गलती बताया था। उनका कहना था कि भारत पर टैरिफ लगाना, जबकि रूस से अधिक तेल खरीदने वाले चीन पर कोई कार्रवाई न करना, भारत को अनजाने में चीन-रूस के करीब धकेल सकता है।
पूर्व अमेरिकी व्यापार अधिकारी क्रिस्टोफर पैडिला ने चेतावनी दी थी कि ऐसे कदमों से भारत-अमेरिका रिश्तों में विश्वास की कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि टैरिफ हमेशा एक नकारात्मक स्मृति के रूप में याद रखे जाएंगे।
अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स ने भी ट्रंप के निर्णय को ‘अमेरिकी विदेश नीति का सबसे मूर्खतापूर्ण कदम’ करार दिया और कहा कि यह ब्रिक्स देशों के बीच एकता को मजबूत करने वाला कदम साबित हो सकता है।