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राजस्थान में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव पर संशय: परिसीमन और ओबीसी आरक्षण बने रोड़ा

 

राजस्थान में पंचायतों और नगरीय निकायों के चुनाव को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने हाल ही में कार्यकाल पूरा कर चुकी पंचायतों और निकायों में मतदाता सूची तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं, जबकि परिसीमन की अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने उच्च न्यायालय की टिप्पणी को आधार बनाकर शुक्रवार को निर्देश दिए कि पंचायत चुनाव की मतदाता सूची 29 अक्टूबर तक और निकाय चुनाव की सूची 3 नवंबर तक तैयार कर ली जाए। इसके लिए जिलों के कलेक्टरों को प्रगणक नियुक्त करने और सूची तैयार करने का काम सितंबर से शुरू करने को कहा गया है।

सरकार और आयोग आमने-सामने

राज्य सरकार ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ के तहत पंचायत और निकाय चुनाव एक साथ कराने पर जोर दे रही है। लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे अव्यवहारिक बताते हुए स्वतंत्र रूप से चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के संकेत दिए हैं।

परिसीमन की अधिसूचना बाकी

हालांकि, चुनाव कराने के लिए परिसीमन की अधिसूचना अनिवार्य है। पंचायत परिसीमन की अधिसूचना अगले कुछ दिनों में आने की संभावना है, जबकि निकाय परिसीमन अधिसूचना भी जल्द जारी हो सकती है।

आयोग प्रमुख का कार्यकाल समाप्ति पर

निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता का कार्यकाल 17 सितंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में नए निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के बाद चुनाव कार्यक्रम में बदलाव संभव है।

हाईकोर्ट में फैसला रिजर्व

पंचायत और निकाय चुनावों तथा परिसीमन को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ सुनवाई पूरी कर चुकी है और अब इस पर फैसला रिजर्व है।

ओबीसी आरक्षण पर रोक

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पंचायत और निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए राज्य ओबीसी आयोग की रिपोर्ट जरूरी है। आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है, और रिपोर्ट मिलने तक चुनाव कराना संभव नहीं है।