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भारत-रूस संबंधों को नई दिशा: जयशंकर-लावरोव की अहम मुलाकात, ट्रेड डील पर फोकस

 

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव आज मॉस्को में मुलाकात करेंगे। दोनों नेता न केवल मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।

यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत-रूस रिश्ते रक्षा, ऊर्जा और व्यापार जैसे कई क्षेत्रों में और गहराते जा रहे हैं। रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार, वार्ता में भविष्य के सहयोग की संभावनाओं पर विशेष जोर दिया जाएगा।

भारत और रूस लंबे समय से रणनीतिक साझेदार रहे हैं। बदलते वैश्विक समीकरणों और यूक्रेन संघर्ष की पृष्ठभूमि में यह वार्ता और भी अहम मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि दोनों नेता क्षेत्रीय सुरक्षा, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और बहुपक्षीय मंचों पर समन्वय जैसे मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं।

जयशंकर ने बैठक से पहले बुधवार को कहा कि भारत-रूस को बढ़ते व्यापार असंतुलन पर तत्काल काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों का व्यापार 2021 में 13 अरब डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 68 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। लेकिन इसी दौरान व्यापार असंतुलन भी 6.6 अरब डॉलर से बढ़कर करीब 59 अरब डॉलर हो गया है।

जयशंकर और लावरोव की बातचीत के साथ-साथ, मॉस्को में भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) के 26वें सत्र का भी आयोजन हुआ, जो व्यापार, आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर केंद्रित है।

रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव ने कहा कि भारत को रूसी तेल और ऊर्जा संसाधनों की आपूर्ति लगातार जारी है और भविष्य में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) निर्यात की भी संभावनाएँ हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच 90% से अधिक व्यापार अब राष्ट्रीय मुद्राओं में हो रहा है।

इसके अलावा बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भी व्यापक सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया गया।

दुनिया की निगाहें इस अहम मुलाकात पर हैं, जो भारत-रूस की भविष्य की साझेदारी की दिशा तय कर सकती है।