News Image

वीजा में देरी से भारतीय मुक्केबाज़ों की तैयारियों को झटका, विश्व चैंपियनशिप से पहले ब्रिटेन अभ्यास दौरा प्रभावित

 

विश्व चैंपियनशिप की तैयारी के लिए भारतीय मुक्केबाज़ों का ब्रिटेन अभ्यास दौरा वीज़ा में देरी के चलते बाधित हो गया है। इस दौरे के तहत भारतीय दल को रविवार को शेफील्ड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय अभ्यास शिविर में भाग लेना था, जो 4 से 14 सितंबर तक लिवरपूल में होने वाली चैंपियनशिप की तैयारी के लिए अहम माना जा रहा है।

हालांकि, अब तक केवल चार महिला मुक्केबाज़—निकहत ज़रीन, मीनाक्षी, पूजा रानी और नूपुर शेरोन—तथा कोचिंग स्टाफ के कुछ सदस्य ही वीज़ा प्राप्त कर सके हैं और ब्रिटेन पहुंच पाए हैं। वहीं पुरुष टीम के दस सदस्यों और छह महिला मुक्केबाज़ों को अभी भी एनआईएस पटियाला में वीज़ा का इंतज़ार है।

वर्तमान में पुरुष मुक्केबाज़ों के पास केवल एक कोच मौजूद है, क्योंकि मुख्य कोच धर्मेंद्र यादव और दो अन्य कोच पहले ही शेफील्ड रवाना हो चुके हैं। यादव ने जानकारी दी, “हम तीन कोच यहां पहुंच चुके हैं, लेकिन बाकी पुरुष मुक्केबाज़ अभी भी वीज़ा के इंतज़ार में हैं। हमें बुधवार से अभ्यास शुरू करना था, लेकिन इसे रद्द करना पड़ा क्योंकि हमें नहीं पता कि वीज़ा कब तक मिलेगा।”

भारतीय मुक्केबाज़ी महासंघ का संचालन कर रही अंतरिम समिति ने कहा है कि वे इस मुद्दे को लेकर ब्रिटेन स्थित भारतीय दूतावास, खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण से लगातार संपर्क में हैं। समिति के सदस्य अर्जुन मलिक ने बताया, “प्रक्रिया पूरी तरह स्वचालित है, ऐसे में बाहरी दखल से वीज़ा प्रक्रिया में तेज़ी नहीं लाई जा सकती। हमारी ओर से पूरी तैयारी है, और स्थिति स्पष्ट होते ही बाकी सदस्य बिना देरी के ब्रिटेन रवाना होंगे।”

अब तक 31 सदस्यीय भारतीय दल में से केवल 12 सदस्य ही इंग्लैंड पहुंच पाए हैं। बाकी दल में ओलंपिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन, राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता जैसमीन लांबोरिया और एशियाई खेलों के पदक विजेता नरेंद्र जैसे प्रमुख नाम अभी भी भारत में ही हैं।

इस शिविर में आयरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, उज़्बेकिस्तान, अमेरिका और पोलैंड सहित कई देशों के मुक्केबाज़ भाग ले रहे हैं, जिससे भारतीय दल की अनुपस्थिति उन्हें कीमती अभ्यास अवसरों से वंचित कर रही है।