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दिमाग को चट कर जाने वाला अमीबा! केरल में 9 साल की बच्ची की दर्दनाक मौत,
केरल में 9 साल की बच्ची की ‘ब्रेन ईटिंग अमीबा’ से मौत: क्या है यह संक्रमण और कैसे बचें?
हाल ही में केरल में एक 9 साल की बच्ची की मौत नेगलेरिया फाउलेरी नामक अमीबा के संक्रमण से हो गई है, जिसे आम भाषा में "ब्रेन ईटिंग अमीबा" कहा जाता है। यह एक दुर्लभ लेकिन घातक संक्रमण है, जो गर्म और ठहरे हुए पानी में पाया जाता है।
क्या है नेगलेरिया फाउलेरी?
नेगलेरिया फाउलेरी एक प्रकार का अमीबा है, जो आमतौर पर गर्म पानी के स्रोतों — जैसे तालाब, झील, नहर और स्विमिंग पूल — में पाया जाता है। यह अमीबा नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और सीधे मस्तिष्क को संक्रमित कर देता है, जिससे प्राइमरी अमीबिक मेनिन्गोएन्सेफलाइटिस (PAM) नामक घातक बीमारी हो सकती है।
क्या यह बीमारी संक्रामक है?
नहीं, यह संक्रमण व्यक्ति-से-व्यक्ति में नहीं फैलता। यह केवल दूषित पानी के सीधे संपर्क में आने पर होता है, खासतौर पर जब पानी नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।
बचाव के लिए क्या करें?
स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों ने निम्नलिखित सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है:
बच्चों को तालाबों, झीलों और अन्य ठहरे हुए पानी में नहाने से बचाएँ।
स्विमिंग पूल और वाटर पार्क का पानी नियमित रूप से क्लोरीनेट किया जाना चाहिए।
नाक में पानी जाने से रोकने के लिए सावधानी बरतें, विशेषकर प्राकृतिक जल स्रोतों में तैरते समय।
नाक में पानी चढ़ने की स्थिति में तुरंत साफ पानी से कुल्ला करें।