News Image

₹11,000 करोड़ की सौगात: द्वारका एक्सप्रेसवे और यूईआर-2 से दिल्ली-NCR का सफर होगा आसान, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली-एनसीआर के लिए दो अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। करीब ₹11,000 करोड़ की लागत से तैयार इन दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं — द्वारका एक्सप्रेसवे (दिल्ली खंड) और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) — से राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में यातायात को बड़ा राहत मिलने की उम्मीद है।

इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने रोड शो भी किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग उनका स्वागत करने पहुंचे।

यात्रा समय घटेगा, जाम से राहत मिलेगी

UER-2 और द्वारका एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य दिल्ली और एनसीआर के बीच यात्रा को सुगम बनाना है। UER-2 कॉरिडोर सिंघू बॉर्डर (NH-44) से शुरू होकर मुंडका, बक्करवाला, नजफगढ़ और द्वारका होते हुए महिपालपुर (NH-48) तक पहुंचेगा। इस परियोजना के पूरा होने से सिंघू बॉर्डर से IGI एयरपोर्ट का सफर, जो पहले करीब दो घंटे का होता था, अब सिर्फ 40 मिनट में पूरा होगा।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे राजधानी के लिए "गेम-चेंजर" बताते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट इनर और आउटर रिंग रोड पर ट्रैफिक लोड को कम करेगा। इससे मुकरबा चौक, मधुबन चौक, पीरागढ़ी चौक और धौला कुआं जैसे प्रमुख जंक्शनों पर जाम की समस्या में कमी आएगी।

NCR की कनेक्टिविटी को मिलेगा नया आयाम

UER-2 दिल्ली को न केवल एनएच-44, एनएच-9 और एनएच-48 जैसे प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ेगा, बल्कि यह सोनीपत और बहादुरगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों तक भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इससे माल परिवहन तेज होगा और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

इसके साथ ही यह कॉरिडोर दिल्ली-चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू-कश्मीर की यात्रा को भी तेज और सुगम बनाएगा। दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-मुंबई जैसे लंबे रूट पर यात्रा करने वालों को भी इसका लाभ मिलेगा।

प्रदूषण में भी होगी कमी

इस परियोजना के चलते ट्रैफिक जाम में लगने वाले समय में कमी आएगी, जिससे ईंधन की खपत घटेगी और वायु प्रदूषण में भी राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि यह प्रोजेक्ट "स्वच्छ, सुगम और विकसित दिल्ली" के लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम है।

प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन से पहले इन परियोजनाओं पर काम करने वाले श्रमिकों से भी बातचीत की और उनके योगदान की सराहना की।