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ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाला: 110 करोड़ रुपये फ्रीज, 1200 से अधिक खच्चर क्रेडिट कार्ड जब्त

 

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साइप्रस स्थित अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म  के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत 17 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मुंबई साइबर पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई।

12 अगस्त को मुंबई, दिल्ली, नोएडा, जयपुर, सूरत, मदुरै, कानपुर और हैदराबाद सहित विभिन्न शहरों में की गई इस छापेमारी के दौरान, ईडी ने 110 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि को फ्रीज किया है, जो कथित रूप से खच्चर खातों और लेयरिंग के लिए उपयोग की जा रही थी। साथ ही 1200 से अधिक क्रेडिट कार्ड, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइसेज़ भी जब्त किए गए।

धनशोधन की जटिल रणनीति

ईडी की जांच से खुलासा हुआ कि 

 ने भारत में उपयोगकर्ताओं से धन एकत्र करने के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके अपनाए:

दक्षिण भारत: उपयोगकर्ताओं से खच्चर खातों में जमा धन नकद में निकाला गया और हवाला एजेंटों के माध्यम से ब्रिटेन की एक कंपनी के वर्चुअल वॉलेट में ट्रांसफर किया गया। बाद में इसका उपयोग USDT क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में किया गया, जिसे 

 एजेंट संचालित करते थे।

पश्चिम भारत: यहाँ 

 ने डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर (DMT) एजेंटों का सहारा लिया। इन एजेंटों के खातों से फंड खच्चर क्रेडिट कार्ड के ज़रिए भेजे गए।

अवैध पेमेंट नेटवर्क का खुलासा

ईडी को पता चला कि कुछ भुगतान कंपनियाँ, जिनके पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस RBI ने अस्वीकार कर दिए थे, उन्होंने प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं (TSP) के रूप में

 को एपीआई एक्सेस दिया। इनका उपयोग ई-कॉमर्स कंपनियों और पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स के नाम पर खच्चर खाते खोलकर उपयोगकर्ता फंड इकट्ठा करने और उसे UPI ट्रांसफर, रिफंड, चार्जबैक, और विक्रेता भुगतान के माध्यम से स्तरीकृत करने में किया गया।

आक्रामक प्रचार और विदेशी भुगतान

 

 ने खेल टूर्नामेंट प्रायोजन, सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट, और 

 जैसे ब्रांड के ज़रिए भारत में अपनी पहचान बनाई। प्रचार कार्यों को अंजाम देने के लिए भारत में एजेंसियाँ भी बनाई गईं, जिन्हें भुगतान विदेशी फंड रेमिटेंस के ज़रिए किया गया।