
वोटर सूची में कथित गड़बड़ी को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन, राहुल गांधी समेत कई नेता हिरासत में
नई दिल्ली: वोटों की कथित हेराफेरी और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद से भारत निर्वाचन आयोग (ECI) तक विरोध मार्च निकाला। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस मार्च की अनुमति नहीं दी थी और प्रदर्शनकारियों को बीच में ही रोक दिया गया। इसके चलते मौके पर भारी हंगामा हुआ और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, संजय राउत और सागरिका घोष समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
शशि थरूर ने उठाए सवाल
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "जब तक लोगों के मन में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर संदेह रहेगा, तब तक चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहेंगे। आयोग को चाहिए कि वह इन शंकाओं का समाधान करे ताकि लोगों का भरोसा बहाल हो सके।"
अखिलेश यादव ने फांदी बैरिकेडिंग
प्रदर्शन के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव बैरिकेडिंग पर चढ़ते दिखे। कई अन्य सांसदों ने भी पुलिस अवरोधों को पार करने की कोशिश की। पुलिस और प्रदर्शनकारी सांसदों के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिसमें कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस भी देखी गई।
भाजपा सांसद का विवादित बयान
इस बीच, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "कांग्रेस केवल बांग्लादेशी मतदाताओं के सहारे चुनाव जीत सकती है। यह साजिश 1972-73 से चल रही है।" उनके इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है।
संसद में हंगामा, कार्यवाही स्थगित
एसआईआर और मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी को लेकर संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष के विरोध के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
जदयू ने किया चुनाव आयोग का समर्थन
इस मुद्दे पर जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा, "बिहार में SIR को लेकर कोई विवाद नहीं है। वहां लोग संतुष्ट हैं और चुनाव आयोग ने अच्छा काम किया है।"