
एक पेड़ माँ के नाम" कार्यक्रम के अंतर्गत महिला इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर की एनएसएस इकाई द्वारा महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में पौधारोपण, साथ ही भारत विकास परिषद द्वारा छात्राओं के स्वास्थ्य की दिशा में उल्लेखनीय पहल*
दिनांक 05 अगस्त 2025 को राजकीय महिला अभियंत्रिकी महाविद्यालय अजमेर की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के छात्रा समन्वयकों – हर्षिता शेखावत, हर्षिता टाक, कृतिका, निष्ठा, समीरा, श्रेओन, डिंपल, दिवांशी सेन, मानवी, रक्षा, लक्षिता, बुद्धिलता और हर्षिता गुप्ता – ने "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के अंतर्गत महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज, अजमेर परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता और मातृत्व के प्रति श्रद्धा का प्रेरणादायक संदेश दिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की *मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार की विधायक श्रीमती अनीता भदेल* ने छात्राओं के साथ पौधारोपण किया और छात्राओं के प्रति भावनात्मक लगाव प्रकट करते हुए कहा:
"एक माँ के नाम पर लगाया गया प्रत्येक पौधा केवल हरियाली ही नहीं, बल्कि हमारी जड़ों से जुड़ाव और भावनात्मक चेतना का प्रतीक है। महिला महाविद्यालय की छात्राएँ केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि समाज को भावनात्मक रूप से भी सशक्त बना रही हैं। NSS जैसे मंचों के माध्यम से उनका नेतृत्व भावी भारत की दिशा तय करेगा।"
इसी दिन भारत विकास परिषद, अजमेर द्वारा महिला अभियंत्रिकी महाविद्यालय में छात्राओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विशेष स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया गया, जिसमें 100 से अधिक छात्राओं की हीमोग्लोबिन एवं खून की जांच की गई। जांच में कमी पाए जाने पर उन्हें आयरन एवं आवश्यक औषधियाँ भी वितरित की गईं।
*महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. प्रकृति त्रिवेदी ने कहा:*"स्वास्थ्य और संवेदनशीलता दोनों ही शिक्षा का आधार हैं। आज की दोनों गतिविधियाँ – वृक्षारोपण और स्वास्थ्य परीक्षण – इस बात का परिचायक हैं कि हमारा संस्थान समग्र विकास की ओर अग्रसर है। हम छात्राओं के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। "एनएसएस समन्वयक *डॉ. अमरजीत पूनिया ने कहा* :"इस अभियान का उद्देश्य छात्राओं में पर्यावरणीय चेतना, पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक ज़िम्मेदारी की भावना को एक साथ पिरोना है। छात्राओं का समर्पण सराहनीय है।"
*सह-समन्वयक डॉ. नीतू राठौड़* ने कहा: "‘एक पेड़ माँ के नाम’ एक भावनात्मक जुड़ाव की पहल है, जिससे छात्राओं में सामाजिक व मानवीय मूल्यों के प्रति जिम्मेदारी विकसित होती है। NSS इकाई का यह प्रयास पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय है।"
*कार्यक्रम की संयोजक* *डॉ. रेखा चाहर* ने कहा: "हमारा प्रयास है कि छात्राएँ केवल अकादमिक ही नहीं, बल्कि शारीरिक रूप से भी सशक्त रहें। हीमोग्लोबिन की नियमित जांच और आवश्यक उपचार छात्राओं की ऊर्जा व पढ़ाई दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक है।"
इस समग्र आयोजन के माध्यम से न केवल पर्यावरणीय संरक्षण की प्रेरणा दी गई, बल्कि छात्राओं के स्वास्थ्य की देखभाल की दिशा में भी उल्लेखनीय कदम उठाया गया। NSS इकाई, समन्वयकों, स्वयंसेवकों और भारत विकास परिषद की सहभागिता के लिए महाविद्यालय परिवार ने आभार व्यक्त किया।