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ट्रंप की नई टैरिफ नीति से एशियाई बाजारों में गिरावट, निवेशकों में बढ़ी चिंता

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 68 देशों और यूरोपीय संघ पर नए टैरिफ लगाने के आदेश के बाद एशियाई शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। यह आदेश पहले 1 अगस्त से लागू होने थे, लेकिन समयसीमा टालने के बाद अब इसे एक सप्ताह के भीतर लागू किया जाएगा, जिससे बाजारों में अनिश्चितता और बढ़ गई है।

एशियाई शेयर बाजारों की स्थिति:

जापान का निक्केई 225 0.4% गिरकर 40,914.66 पर बंद हुआ।

दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.8% गिरकर 3,154.53 पर आ गया।

हांगकांग का हैंग सेंग 0.2% की गिरावट के साथ 24,726.38 पर रहा।

शंघाई कम्पोजिट 0.1% गिरकर 3,570.21 पर बंद हुआ।

ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 0.8% गिरकर 8,676.80 पर बंद हुआ।

भारत का बीएसई सेंसेक्स 0.4% की गिरावट के साथ 81,185.58 पर पहुंचा।

ताइवान का TAIEX 0.4% गिरकर 23,453.56 पर आ गया।

ट्रंप की टैरिफ नीति: साम्राज्यवादी व्यापार रणनीति?

राबो बैंक के वरिष्ठ बाजार रणनीतिकार बेंजामिन पिक्टन के अनुसार, अमेरिका उच्च मूल्य-वर्धित उद्योगों को बढ़ावा दे रहा है और अपने व्यापारिक साझेदारों पर बाजार पहुंच सुनिश्चित करने का दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा, “यह साफ तौर पर एक साम्राज्यवादी व्यापार नीति है।”

बाजारों में हल्का सुधार, लेकिन अस्थिरता कायम

मिजुहो बैंक ने टिप्पणी की कि टैरिफ अंतर के चलते बाजार की स्थिति कुछ हद तक सुधरी है, विशेषकर दक्षिण-पूर्व एशिया में। हालांकि, क्षेत्रीय अंतराल और अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है।

तेल और मुद्रा बाजार:

अमेरिकी बेंचमार्क कच्चा तेल 5 सेंट घटकर $69.21 प्रति बैरल पर आ गया।

अंतरराष्ट्रीय ब्रेंट क्रूड 3 सेंट घटकर $71.67 प्रति बैरल रहा।

अमेरिकी डॉलर 150.67 येन से मामूली बढ़कर 150.68 येन पर पहुंचा।

यूरो 1.1421 डॉलर से घटकर 1.1418 डॉलर पर आ गया।

तकनीकी कंपनियां बनीं बाजार की प्रेरक शक्ति

हालांकि समग्र गिरावट के बावजूद, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के भविष्य को लेकर जारी उत्साह से कुछ बड़ी टेक कंपनियां बाजार में स्थिरता बनाए रखने में मददगार साबित हुई हैं।