News Image

पीएम शरीफ ने अमेरिका-पाकिस्तान व्यापार समझौते को बताया ‘ऐतिहासिक’, ट्रंप ने भारत पर कसा तंज

 

इस्लामाबाद/वॉशिंगटन: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका के साथ हुए हालिया व्यापार समझौते को "ऐतिहासिक" करार दिया है और इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का धन्यवाद किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

इस समझौते के तहत दोनों देश पाकिस्तान में मौजूद संभावित विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। वर्षों से पाकिस्तान इन भंडारों के होने का दावा करता रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई थी।

प्रधानमंत्री शरीफ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मैं इस ऐतिहासिक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में नेतृत्व के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को दिल से धन्यवाद देता हूं। यह समझौता हमारी स्थायी साझेदारी को और मजबूती देगा और सहयोग के नए द्वार खोलेगा।"

सरकारी रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, इस समझौते की आधारशिला वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब की अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर से वाशिंगटन डीसी में हुई बैठक के दौरान रखी गई।

ट्रंप की तरफ से भी इस समझौते को लेकर बयान सामने आया है। अपनी ट्रुथ सोशल पोस्ट में उन्होंने लिखा, "हमने अभी-अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत दोनों देश साथ मिलकर पाकिस्तान के तेल संसाधनों का विकास करेंगे।"

ट्रंप ने भारत पर भी साधा निशाना

इस एलान के दौरान ट्रंप ने भारत पर कटाक्ष करते हुए कहा, "हम उस तेल कंपनी के चयन की प्रक्रिया में हैं जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जानता है, शायद एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचे!" इस टिप्पणी को विशेषज्ञ भारत के प्रति व्यंग्य के रूप में देख रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापार शुल्कों को लेकर खींचतान चल रही है।

व्यापार समझौते की प्रमुख बातें

यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने, बाजार तक पहुंच का विस्तार करने और निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया है।

अमेरिका को पाकिस्तानी निर्यात पर शुल्क में रियायतें दी जाएंगी।

ऊर्जा, खनन, आईटी, क्रिप्टोकरेंसी सहित कई क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

अमेरिकी कंपनियों को पाकिस्तान की बुनियादी संरचना और विकास परियोजनाओं में निवेश का मौका मिलेगा।

यह समझौता पाकिस्तान की अमेरिका के साथ आर्थिक और कूटनीतिक रिश्तों को और सुदृढ़ करने की कोशिशों का हिस्सा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अधिक आर्थिक अवसर प्रदान कर सकता है, हालांकि इसकी सफलता इस पर निर्भर करेगी कि जमीनी स्तर पर कितनी तेजी से कार्यान्वयन होता है।