News Image

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना पर सरकार का अपडेट: अगली किश्त कब आएगी?

 

नई दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल ही में संसद में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना को लेकर अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि अगली SGB किश्त पर सरकार विचार कर रही है, लेकिन वैश्विक भू-राजनीतिक अस्थिरता के चलते सोने की कीमतों में तेजी और उधारी लागत बढ़ने से फिलहाल अगली किश्त जारी करने का निर्णय लंबित है।

SGB योजना क्या है?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारत सरकार द्वारा जारी किए गए प्रतिभूति प्रमाणपत्र होते हैं, जिनका मूल्य सोने (ग्राम में) पर आधारित होता है। इनसे लोग भौतिक सोना खरीदे बिना ही निवेश कर सकते हैं और साथ ही सालाना ब्याज भी प्राप्त करते हैं।

क्या योजना विफल रही?

राज्यसभा में पूछे गए सवाल पर मंत्री ने बताया कि योजना को काफी सफलता मिली है। मार्च 2025 तक कुल 146.96 टन सोने के बराबर बॉन्ड सब्सक्राइब किए गए हैं, जिनकी कुल वैल्यू ₹72,275 करोड़ रही। यह राशि 67 किश्तों के जरिए जुटाई गई है। अब तक 18.81 टन सोने के बॉन्ड का रिडेम्पशन भी हो चुका है।

अगली किश्त कब आएगी?

मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार विभिन्न माध्यमों से संसाधन जुटाती है, जिनमें सरकारी प्रतिभूतियाँ, ट्रेज़री बिल और SGB शामिल हैं। उधारी की लागत का मूल्यांकन कर ही निर्णय लिया जाता है। वर्तमान में वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते SGB के माध्यम से ऋण जुटाना महंगा साबित हो रहा है, इसलिए नई किश्त पर निर्णय लेते समय इस पर खास ध्यान दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि SGB की आखिरी किश्त (2023-24 सीरीज IV) फरवरी 2024 में जारी की गई थी।

SGB खरीदने का तरीका

ये बॉन्ड केवल आरबीआई द्वारा निर्धारित विशेष सदस्यता अवधि में खरीदे जा सकते हैं।

आम तौर पर, हर 2-3 महीने में एक नई सीरीज की घोषणा होती है, जिसमें निवेशकों को एक सप्ताह का समय दिया जाता है।

बॉन्ड का मूल्य इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा प्रकाशित सोने के भाव के आधार पर तय होता है।