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माउंट आबू को बड़ी राहत: सालगांव बांध निर्माण को वन विभाग से मिली हरी झंडी

 

माउंट आबू की वर्षों पुरानी पेयजल और सिंचाई समस्या के समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। बहुप्रतीक्षित सालगांव बांध परियोजना को अब वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मिल चुका है, जिससे इसके निर्माण की राह साफ हो गई है। यह मंजूरी सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी के सतत प्रयासों से प्राप्त हुई है।

ज्ञात हो कि 19 नवंबर 2024 को सिरोही सर्किट हाउस में इस परियोजना की समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पता चला कि बांध स्थल वन विभाग की भूमि पर स्थित है और फॉरेस्ट एवं वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस लंबित हैं।

सांसद चौधरी ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए 13 मार्च 2025 को लोकसभा में प्रश्न उठाया, जिसके बाद विभागीय प्रक्रिया में तेजी आई। जयपुर से फाइल लखनऊ ट्रांसफर की गई और अंततः अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।

सालगांव बांध की योजना सबसे पहले 1977 में बनाई गई थी, जिसकी लागत तब 27 लाख रुपये थी। अब बढ़ी लागत के बावजूद इसका निर्माण माउंट आबू में जल संकट के स्थायी समाधान के रूप में देखा जा रहा है। बांध की जल भंडारण क्षमता 155.56 मिलियन घन फीट होगी, जिससे न केवल नागरिकों को पेयजल मिलेगा, बल्कि सिंचाई और वन्यजीवों के लिए भी यह उपयोगी साबित होगा।