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शतरंज की उभरती सितारा: दिव्या देशमुख की प्रेरणादायक यात्रा
नागपुर की रहने वाली दिव्या देशमुख ने मात्र पांच साल की उम्र में शतरंज की बिसात पर अपनी चालें चलनी शुरू कर दी थीं, और आज वह भारतीय शतरंज का एक चमकता हुआ सितारा बन चुकी हैं। 9 दिसंबर 2005 को जन्मीं दिव्या के माता-पिता डॉक्टर हैं — पिता डॉ. जितेंद्र देशमुख और मां डॉ. नम्रता देशमुख।
🎓 शुरुआती कदम और शुरुआती सफलताएं
दिव्या की प्रतिभा कम उम्र में ही सबको नजर आने लगी। उन्होंने 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीती। इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी धाक जमाई:
2014 में डरबन (द. अफ्रीका) में अंडर-10 वर्ल्ड यूथ टाइटल
2017 में ब्राजील में अंडर-12 वर्ल्ड यूथ टाइटल
🏆 महिला ग्रैंडमास्टर और इंटरनेशनल मास्टर
दिव्या ने 2021 में महिला ग्रैंडमास्टर (WGM) का खिताब जीतकर विदर्भ की पहली और भारत की 22वीं महिला ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव हासिल किया। इसके बाद 2023 में उन्होंने इंटरनेशनल मास्टर (IM) का खिताब भी अपने नाम किया — यह खिताब महिला और पुरुष दोनों खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण मान्यता है।
🌍 विश्व कप में पहली बार और धमाकेदार प्रदर्शन
2025 के महिला शतरंज विश्व कप में अपनी पहली ही उपस्थिति में दिव्या ने शानदार खेल दिखाया। उन्होंने टाईब्रेकर मुकाबले में भारत की अनुभवी खिलाड़ी द्रोणावल्ली हरिका को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने उन्हें कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के करीब ला खड़ा किया है, जहां से वह विश्व चैंपियनशिप की दौड़ में शामिल हो सकती हैं।
🥇 जूनियर चैंपियन और ओलंपियाड विजेता
2024 में दिव्या ने विश्व जूनियर अंडर-20 चैंपियनशिप में 11 में से 10 अंक जुटाकर पहला स्थान हासिल किया।
45वें शतरंज ओलंपियाड में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई।
वह एशियाई जूनियर चैंपियन भी रह चुकी हैं।
🌟 दिग्गजों को हराने वाली खिलाड़ी
दिव्या ने फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप 2024 में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी होउ यिफान को हराकर सबको चौंका दिया। यह जीत न केवल उनके करियर की सबसे बड़ी में से एक रही, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस प्रदर्शन की सराहना की।
🔮 आगे की राह
चेन्नई स्थित शतरंज गुरुकुल में ग्रैंडमास्टर आर.बी. रमेश से प्रशिक्षण ले रहीं दिव्या को उनकी तेज रणनीतिक सोच, संयम और रचनात्मकता के लिए जाना जाता है। 2463 की फिडे रेटिंग के साथ वह भारत की शीर्ष महिला खिलाड़ियों में शामिल हैं और अब कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई करने की ओर अग्रसर हैं — जो उन्हें महिला विश्व चैंपियन बनने की दिशा में बड़ा मौका देगा।