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दिल का हाल बताएंगी अब आंखें: हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 10 साल पहले ही पता चल सकेगा
दिल से जुड़ी बीमारियां आज एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन चुकी हैं। हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, और ये अब सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि हर घर की सच्चाई बनते जा रहे हैं। विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि खराब खान-पान, व्यायाम की कमी और आनुवंशिक कारण हमारे दिल को जोखिम में डाल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है — क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे पहले से ही ये जान लिया जाए कि भविष्य में दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी का खतरा तो नहीं?
अब मिल गया है जवाब — और वो है आंखों की जांच।
एक टेस्ट जो 10 साल पहले ही बता देगा खतरा
शोधकर्ताओं ने एक नया टेस्ट विकसित किया है जो भविष्य में दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की आशंका का अनुमान 10 साल पहले ही लगा सकता है — वो भी आंखों की जांच के ज़रिए, न कि हार्ट स्कैन से। इस टेस्ट में आंखों के पीछे की रक्त वाहिकाओं की डिजिटल इमेजिंग की जाती है, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इन तस्वीरों का विश्लेषण कर यह अनुमान लगाता है कि हृदय रोग का खतरा कितना है।
कैसे करता है यह टेस्ट काम?
स्कॉटलैंड की डॉन्डी यूनिवर्सिटी के हृदय रोग विशेषज्ञों ने टाइप-2 डायबिटीज़ से ग्रसित लोगों पर इस AI-आधारित तकनीक का परीक्षण किया। इस प्रक्रिया में आंखों के रेटिना की फोटो ली जाती है और AI यह पहचानने में सक्षम होता है कि आंखों की रक्त वाहिकाओं में कोई क्षति या संकुचन (narrowing) तो नहीं हो रहा। यदि ऐसी समस्या आंखों में दिखती है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि हृदय की रक्त वाहिकाओं पर भी आने वाले वर्षों में असर पड़ सकता है।
एक मिनट से भी कम में मिलती है रिपोर्ट
डॉ. इफी मोर्डी, जो इस शोध के प्रमुख हैं, बताते हैं, "आंखें वास्तव में हमारे दिल की खिड़की होती हैं। यह टेस्ट तेज़, सटीक और आसान है — एक मिनट से भी कम समय में व्यक्ति के जोखिम स्कोर का पता चल सकता है।"
शोध में 4,200 से ज्यादा रेटिना इमेज का उपयोग किया गया और AI टूल करीब 70% सटीकता के साथ यह भविष्यवाणी करने में सफल रहा कि किन लोगों को अगले 10 वर्षों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।