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सावन का दूसरा सोमवार: ‘छोटी काशी’ गोला गोकर्णनाथ में उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब, भीड़ से टूटी रेलिंग, देखें तस्वीरें

 

सावन माह के दूसरे सोमवार को लखीमपुर खीरी स्थित पौराणिक शिवनगरी गोला गोकर्णनाथ, जिसे 'छोटी काशी' के नाम से भी जाना जाता है, में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। आधी रात से ही भगवान शिव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगने लगीं। सुबह चार बजे जलाभिषेक शुरू होते ही मंदिर परिसर 'हर-हर महादेव' के जयघोष से गूंज उठा।

श्रद्धालुओं की भीड़ ने तोड़ी व्यवस्थाएं

भारी भीड़ के चलते मंदिर प्रशासन की तैयारियां नाकाफी साबित हुईं। मुख्य मार्ग पर लोहे के एंगल से बनी रेलिंग भीड़ का दबाव नहीं सह पाई और टूटकर गिर गई। हालांकि, गनीमत रही कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। घटना स्थल पर चप्पल-जूतों का ढेर नजर आया।

कांवड़ियों का उत्साह चरम पर

सुबह से दोपहर 12 बजे तक मंदिर में जलाभिषेक का सिलसिला जारी रहा। कछला और हरिद्वार से गंगाजल लेकर आए हजारों कांवड़ियों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। रविवार शाम से ही गोला मार्ग पर कांवड़ियों के जत्थे जयकारों और भजन-कीर्तन के साथ आगे बढ़ते दिखे। बच्चों से लेकर महिलाएं भी कांवड़ यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही थीं।

शहर के अन्य मंदिरों में भी उमड़ा आस्था का सैलाब

लखीमपुर खीरी के प्रमुख प्राचीन मंदिरों—भुईफोरवनाथ और जंगलीनाथ में भी तड़के से ही भक्तों का तांता लगा रहा। भुईफोरवनाथ मंदिर में महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग कतारें बनाई गई थीं, जिससे व्यवस्था सुचारू रही। वहीं ओयल स्थित मेंढक मंदिर में भी भक्तों ने जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाकर शिवलिंग का पूजन किया। पूरा परिसर जयकारों और घंटियों की गूंज से भक्तिमय हो गया।