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हर-हर महादेव! शिव कृपा का पावन दिन – सावन का पहला प्रदोष व्रत 22 जुलाई को

 

श्रावण मास, शिव भक्ति का अद्भुत उत्सव है। इसी पवित्र माह में पहला प्रदोष व्रत 22 जुलाई 2025, मंगलवार को आ रहा है – जिसे भौम प्रदोष कहते हैं। यह दिन शिव आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

त्रयोदशी तिथि जो भगवान शिव को समर्पित होती है, इसी दिन प्रातः 7:05 बजे से आरंभ होकर अगले दिन 4:39 बजे तक रहेगी, किंतु व्रत का पालन 22 जुलाई को ही किया जाएगा।

🔱 क्यों विशेष है यह दिन?
इस दिन द्विपुष्कर योग प्रातः 5:37 से 7:05 बजे तक है – जो आपकी साधना को दुगुना फल देता है। साथ ही मंगला गौरी व्रत भी इसी दिन है – जो विवाहित स्त्रियों को अखंड सौभाग्य व कन्याओं को योग्य वर प्राप्त कराने वाला व्रत माना जाता है।

🕉 पूजा का उत्तम समय:

प्रदोष काल: शाम 7:18 बजे से 9:22 बजे तक – यही सर्वोत्तम समय है शिव पूजन का।

ब्रह्म मुहूर्त: 4:14 से 4:56 – ध्यान, जप और साधना के लिए आदर्श।

अभिजीत मुहूर्त: 12:00 से 12:55 – दिन का सर्वश्रेष्ठ काल।

🌺 व्रत का महत्त्व:
इस दिन उपवास रखकर जो भक्त श्रद्धा से शिव पूजन करता है, उसे पापों से मुक्ति, रोगों से राहत, ग्रह दोषों से छुटकारा और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।

🕉 ॐ नमः शिवाय का जाप करें और भगवान शिव से कृपा की प्रार्थना करें – यही सच्चा मार्ग है शांति, समृद्धि और मोक्ष का।