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सिर्फ धूम्रपान नहीं, ये दो बातें भी बना सकती हैं आपको लंग कैंसर का शिकार! हो जाएं सावधान

 

क्या आप सोचते हैं कि फेफड़ों का कैंसर सिर्फ उन लोगों को होता है जो स्मोकिंग करते हैं? अगर हां, तो अब समय है अपनी सोच बदलने का। एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है—अब नॉन-स्मोक करने वाले लोग भी इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।

धूम्रपान नहीं, फिर भी लंग कैंसर क्यों?

वैज्ञानिकों ने पाया है कि जो लोग कभी सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाते, उनके फेफड़ों में भी कैंसर जैसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं। इसका बड़ा कारण है हमारे आस-पास का जहरीला वायु प्रदूषण और कुछ पारंपरिक हर्बल दवाएं।

कैसे बढ़ रहा है खतरा?

प्रदूषित हवा में मौजूद खतरनाक तत्व हमारे डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं। यह नुकसान धीरे-धीरे शरीर में बदलाव लाता है जिसे 'म्यूटेशन' कहते हैं। यही म्यूटेशन बाद में फेफड़ों में ट्यूमर पैदा कर सकता है।

ताइवान में इस्तेमाल होने वाली कुछ हर्बल दवाओं में पाया गया 'एरिस्टोलोचिक एसिड' नाम का तत्व भी सांस के जरिए फेफड़ों में पहुंचकर डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है।

भारत में क्यों है ये ज्यादा खतरनाक?

भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण पहले से ही गंभीर चिंता का विषय है। यहां की आबोहवा इतनी खराब हो चुकी है कि लोग रोजाना कैंसर जैसी बीमारियों को न्योता दे रहे हैं, वो भी बिना किसी बुरी आदत के।

क्या करें?

साफ हवा में रहने की कोशिश करें

हर्बल दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें

प्रदूषण वाले इलाकों में मास्क का इस्तेमाल करें

नियमित चेकअप करवाएं

सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिए। कैंसर से बचाव जानकारी और जागरूकता से ही संभव है।