सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ
सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ
आज सुहागिनों का महा पर्व करवा चौथ है। करवा चौथ स्त्रियों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। जिसका व्रत सुहागन महिलायें, अपने पति की दीर्घायु के लिए करती हैं। करवां चौथ का व्रत कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को, सुहागन स्त्रियो द्वारा किया जाता है। यह व्रत हर विवाहित महिला अपने रिवाजो के अनुसार रखती है, और इस दिन वह अपने जीवन साथी की अच्छी सेहत तथा अच्छी उम्र की प्रार्थना भगवान से करती है। आज कल यह व्रत कुँवारी लडकियाँ भी अच्छे पति की प्राप्ति के लिए रखती है। वहीं करवां चौथ वर्त के पूजन का आज शुभ महुर्त शाम 6:05 से 7:05 के बीच रहेगा।
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखती हैं, और माता करवा से, अपनी पति और परिवार के लम्बी उम्र की कामना करती हैं। करवा चौथ के दिन महिलाएं पूजा पाठ करती हैं, और व्रत कथा का श्रवण करती हैं। करवा चौथ के दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है, और रात को चंद्र देव के दर्शन करने के बाद व्रत खोला जाता है। इस दिन करवा चौथ की थाली का बहुत अधिक महत्व है। इसका इस्तेमाल करके ही पूजा की जाती है।
करवा चौथ व्रत के समय, करवा चौथ की कथा सुनी जाती है। जब भी कोई स्त्री करवा चौथ का व्रत करती है, तो वह व्रत के दौरान कथा सुनती है। व्रत के दौरान कथा सुनने की यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस व्रत की कथा सुहागन स्त्रियों के द्वारा सुनी जाती है। महिलाओं द्वारा करवा चौथ व्रत बडे ही विधि विधान के साथ किया जाता है। आज महिलाएं सोलह श्रृंगार कर, चौथ माता की पूजा अर्चना कर, अमर सुहाग का आशीर्वाद प्राप्त करती है. और चंद्रमा को अर्घ्य देख कर यह व्रत समाप्त करती है।
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