राजस्थान के नए डीजीपी उमेश मिश्रा ने पद संभालने के बाद थानाधिकारी को आदेश दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि थानाधिकारी रोजाना डेढ़ घंटे लोगों की समस्या सूने और उसका निस्तारण करें.
पुलिस का नाम सुनते ही जनता को उनकी कार्यप्रणाली याद आती है और फिर पुलिस की लापरवाही ध्यान आती है. राजस्थान के नए डीजीपी उमेश मिश्रा ने इसका एक समाधान निकाला है. डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के सभी थानाधिकारी प्रतिदिन डेढ़ घंटा लोगों की सुनवाई के लिए देगें. इस समय लोग अपनी शिकायतें बता सकते हैं. इसके साथ ही शिकायतों का तुरंत निस्तारण भी करना होगा, जिसके लिए जिला एसपी को मॉनिटरिंग करनी होगी.
पुलिस के प्रति आम लोगों की शिकायतें रहती हैं कि थाने में जाते हैं तो थानाधिकारी नहीं मिलते है, शिकायत की रिपोर्ट देने के बाद भी मामला कई दिनों तक पड़ा रहता है, लेकिन सुनवाई नहीं होती है. इसका हल निकालते हुए डीजीपी ने आदेश जारी किया है कि वर्किंग डे में रोजाना प्रत्येक थानाधिकारी दोपहर 12 बजे से लेकर 1.30 बजे तक थाने पर ही ही उपस्थित रहेंगे. इस समय थानाधिकारी सिर्फ जनसुनवाई करेंगे. यहीं नहीं इसके लिए एक रजिस्टर भी बनाना होगा. रजिस्टर में कौन शिकायतकर्ता कहां से आया और क्या समस्या लाया है, इसका ब्यौरा लिखा जाएगा. साथ ही थानाधिकारी का नाम भी लिखा जाएगा जिन्होंने सुनवाई की है. यहीं नहीं निस्तारण के लिए क्या किया यह भी लिखना होगा. इस रजिस्टर की मॉनिटरिंग जिला एसपी करेंगे. साथ ही थाने के बाहर एक बोर्ड भी लगाना होगा जिसमें इस पहल का प्रचार होगा. यहीं नहीं सीएलजी, ग्राम रक्षक, पुलिस मित्र के माध्यम से भी प्रचार करवाना होगा.