नए साल में इन 6 देशों पर रहेगी विशेष नजर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों की माने तो कोरोना वायरस संक्रमण के बीच सरकार ने यह फैसला किया है कि आने वाले दिनों में दुनिया के वह 6 देश जहां सबसे ज्यादा कोरोना के केस हैं वहां से आने वाले यात्रियों को यात्रा करने से 24 घंटे पहले आरटी पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी होगा. उसके बाद ही उनको भारत आने की इजाजत दी जाएगी. सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच ऐतिहात के तौर पर यह फैसला लेने जा रही है. संभव है अगले सप्ताह से इसे लागू कर दिया जाए. सूत्रों की मानें तो चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट जरूरी होने वाला है. सरकार ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि इन देशों में बहुत तेजी से कोरोना फैल रहा है. एयरपोर्ट पर सतर्कता केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों की माने तो देश के तमाम एयरपोर्ट पर सतर्कता बढ़ायी जा रही है. खुद को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया गुरूवार को नई दिल्ली एयरपोर्ट पर तैयारियों का जायजा लेंगे. पिछले दो दिनों में 6000 लोगों का टेस्ट किया गया है जिसमें 39 लोग पोसेटिव पाए गए हैं. वैक्सीन को लेकर कोई कमी नहीं है केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों की माने तो देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. कुछ राज्यों में स्टॉक खत्म हो गया है. ऐसे में जिन राज्यों में सरप्लस वैक्सीन है उसे दूसरे राज्यों में पहुंचाया जा रहा है.इसमों एक से दो दिनों का वक्त लग सकता है. जहां तक मेडल वैक्सीन की बात है तो वह जनवरी के अंतिम सप्ताह में आएगा. जनवरी की महीना अहम केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार BF. 7 को आइसोलेट कर लिया गया है.इसपर दवाओं का कितना असर है यह देखा जा रहा है. यह एक साथ 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है. इसमें कभी भी संक्रमण बढ़ सकता है। संभव है जनवरी के महीने में कुछ भी हे सकता है. दवाओं की कमी नहीं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर की जो मेडीसीन है उसे लेकर बैठक हुई है. सरकार के पास दवाओं की कोई कमी नहीं है. सूत्रों की माने तो दवाई को लेकर भी चीन से डिमांड आयी थी. वैसे बहुत ज्यादा नहीं था लेकिन हां चीन से दवाईयों की डिमांड आयी थी. जिसे पूरा किया जा रहा है. कुछ भी हो सकता है सूत्रों की मानें तो वायरस पहले धीरे धीरे फैलता है बाद में बहुत तेजी से फैलने लगता है.संभव है इस बार भी कुछ ऐसा देखने को मिले. इसलिए जनवरी का महीना महत्वपूर्ण है. वैसे स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार संभव है इसका इफेक्ट कम हो इससे डेथ कम होने की संभावना है. लेकिन इसपर कुछ भी पुख्ता कहना ठीक नहीं.

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