विपक्ष में मुझ पर हमला करने की हिम्मत नहीं : पी एम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों की भाषा और व्यवहार को निराशाजनक बताते हुए कहा कि विपक्ष में मुझ पर हमला करने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने कहा कि देश देख रहा है एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। मैं देश के लिए जीता हूं और देश के लिए कुछ करने के लिए निकला हूं। प्रधानमंत्री मोदी आज कुछ विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। अडानी विवाद पर विपक्षी सदस्यों ने इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है। प्रधानमंत्री ने अपने उत्तर की शुरुआत राष्ट्रपति को उनके संबोधन में 'विकसित भारत' का विजन प्रस्तुत करके दोनों सदनों का मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद देते हुए की। प्रधानमंत्री मोदी ने विरोध कर रहे विपक्षी सदस्यों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके कृत्यों से भाजपा को आगे बढ़ने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, "बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है, देश का मार्गदर्शन किया है। इस देश में जो भी बात होती है उसे देश बहुत गंभीरता से सुनता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न केवल सदन, बल्कि देश को निराश करने वाली है। इस प्रकार की वृत्ति वालों को मैं यही कहूंगा- कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल...जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा।" सरकार की तमाम योजनाओं के नामकरण को लेकर कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अखबारों में पढ़ा था कि 600 के करीब योजनाएं गांधी-नेहरू के नाम से हैं। मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है? क्या शर्मंदगी है? इतना बड़ा व्यक्ति है तो शर्मंदगी क्या है? और आप हमारा हिसाब मांगते हो। यह सदियों पुराना देश जन-जन की पीढ़ियों की परंपरा से बना हुआ देश है, यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं है। केंद्र और राज्यों के बीच टकराव को लेकर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हम पर राज्यों से टकराव के आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन ये लोग जब सत्ता में थे तो 90 बार आर्टिकल 356 का इस्तेमाल करके सरकार राज्यों में गिरा दी गई। अकेली इंदिरा गांधी ने ही 50 बार इस नियम का इस्तेमाल करते हुए राज्यों में सरकारों को गिरा दिया। केरल में कम्युनिस्टों की सरकार हो या फिर तमिलनाडु में करुणानिधि और एमजीआर की सरकार इन्होंने उसे हटा दिया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर विकास की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का खड़गे जी के दावे के अनुसार नींव बनाने का इरादा हो सकता है, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान केवल गड्ढों को खोदा और विकास में अड़ंगा लगाया। इससे देश ने छह दशक गंवाए जबकि छोटे देशों ने तरक्की की। उन्होंने कहा कि केवल मंशा व्यक्त करने से काम नहीं चलता, गति, दिशा और विकास का परिणाम मायने रखता है। उन्होंने कहा, "60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे... हो सकता है उनका इरादा न हो, लेकिन उन्होंने किए। जब वो गड्ढे खोद रहे थे, 6 दशक बर्बाद कर चुके थे... तब दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे।" प्रधानमंत्री ने कहा पहले के समय के विपरीत हमारी सरकार का उद्देश्य नागरिकों के लिए स्थायी समाधान प्रदान करना और उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि पहले के समय में लोगों की समस्याओं का समाधान करना सरकार की जिम्मेदारी थी, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं और इरादे अलग थे। उन्होंने कहा, "आज हम समस्याओं के स्थायी समाधान की ओर बढ़ रहे हैं।

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