भूलकर भी ना धोये खाने वाली थाली में हाथ
बहुत से लोगों को आदती होती है कि खाना खाने के तुरंत बाद उसी थाली में हाथ धोने लगते हैं जिसमें खाना खाया है. लेकिन वास्तु शास्त में ऐसा करना बहुत गलत माना गया है. हिंदू धर्म में अन्न को देवता का दर्जा दिया गया है.
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, ऐसी मान्यता है कि भोजन की थाली में हाथ धोने से मां लक्ष्मी और अन्नपूर्णा रुष्ट हो जाती हैं. इसलिए हमें खाने के हर एक दाने का सम्मान करना करना चाहिए. साथ ही थाली में खाना नहीं छोड़ना चाहिए. भोजन का एक दाना बर्बाद होने से भी गलत प्रभाव पड़ता है. कई पुराणों में भी अन्न का अपमान करना पाप माना गया है.
जितना खा सकें उतना ही निकालें खाना
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, कुछ लोग खाने की क्षमता से भी ज्यादा भोजन अपनी थाली में निकाल लेते हैं. जब वह खाना नहीं खाया जाता तो उसे छोड़ देते हैं. ऐसा करना गलत होता है. क्योंकि खाना बचने से अन्य देवता का अपमान होता है. जो अन्न की अहमियत नहीं समझता वो पाप का भागी बनता है. इसलिए थाली में खाना उतना ही लेना चाहिए जितना खा सके.
लकड़ी के पटरे पर रखनी चाहिए खाने की खाली
ऐसी मान्यता है कि थाली को हमेशा लकड़ी के पटरे पर रखकर भोजन करना चाहिए. ऐसा करना अन्न का सम्मान माना जाता है. यदि लकड़ी का पटरा न हो तो आप चटाई पर थाली रखकर भी खाना खा सकते हैं. यही नहीं भोजन की थाली को एक ही हाथ से पकड़ना भी अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से खाना प्रेत योनि में चला जाता है. इसलिए जब भी किसी को खाना दें या खुद अपने लिए खाने की थाली लाएं तो दोनों हाथों में लेकर ही आएं. शास्त्रों में भोजन से पहले भगवान का ध्यान लगाना भी उत्तम माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि खाना खाते समय क्रोध करना और बातचीत नहीं भी अशुभ होता है.
थाली में में एक साथ न रखें तीन रोटी
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, भोजन की थाली लगाते समय अपशकुन न हो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि जब भी खाने की थाली परोसें तो उसमें एक साथ तीन रोटियां नहीं होनी चाहिए. ऐसा करना अपशकुन माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, तीन रोटियों वाली थाली मृतक को समर्पित होती है. क्योंकि जिस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसके नाम की थाली में 3 रोटियां रखी जाती हैं.