वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि राशि परिवर्तन का विशेष महत्व है। शनि करीब ढाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। शनि के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने पर पांच राशियों पर सीधे प्रभाव पड़ता है। इस दौरान कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती व कुछ राशियों पर शनि ढैय्या शुरू होती है। शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या को ज्योतिष शास्त्र में बेहद कष्टकारी माना गया है। वर्तमान में शनि मकर राशि में हैं और साल 2023 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
शनिदेव बीते 12 जुलाई 2022 से मकर राशि में वक्री चाल चल रहे हैं। अब शनि दिवाली से पहले 23 अक्टूबर को मकर राशि में मार्गी होंगे। इसके बाद शनि अगले साल यानी 2023 में 17 जनवरी को कुंभ राशि में मार्गी होकर प्रवेश कर जाएंगे। साल 2023 में शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर कुछ राशियों से शनि की साढ़ेसाती व शनि ढैय्या हट जाएगी।
17 जनवरी 2023 तक मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या का असर रहेगा। इसके बाद इन राशि वालों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। ऐसे में इन तीन राशि वालों का फिर से भाग्योदय हो सकता है। रुके हुए काम बनेंगे। धन में वृद्धि के साथ मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है। नौकरी के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। सेहत अच्छी रहेगी।
साल 2023 में 17 जनवरी को शनि के कुंभ राशि में आते ही कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी। इसके अलावा मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। शनि की महादशा में इन राशि के जातकों को कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।