मन की शान्ति, शुद्धता, पवित्रता के लिए प्रार्थना
- उपप्रवर्तिनी महामती डॉ. राजमती जी म.सा.
 
                                                                                                        शताब्दी गौरवान्विता राजस्थान सिंहनी महाश्रमणी गुरूमाता महासती श्री पुष्पवती जी (माताजी) म.सा. आदि ठाणा-7 वैशाली नगर, जैन स्थानक से प्रात: विहार कर नवग्रह कॉलोनी पधारे। श्री अमरचन्द पोखरणा के निवास स्थान पर भक्तामर स्तोत्र का सामूहिक पाठ हुआ जिसमें अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने भक्ति भाव पूर्वक लाभ लिया। उपप्रवर्तिनी सदगुरूवर्या  डॉ. श्री राजमती जी म.सा. ने उदबोधन देते हुए फरमाया - प्रार्थना हृदय से निकला हुआ एक भाव है, ईश्वर के साथ संवाद की एक जीवन शैली है। प्रार्थना तभी पवित्र होती है जब मन राग-द्वेष से मुक्त होता है। निर्ग्रन्थ गुरू भगवन्तों के चरणों में आत्म निवेदन करना, अपने दुर्गुणों को प्रकट करना और उनसे मुक्त होने की आकांक्षा को प्रकट करना प्रार्थना का भव्य रूप है। इससे मन की शान्ति, शुद्धता और पवित्रता आती है।
                                                                                                              साध्वी डॉ. राजरश्मि जी म.सा. ने फरमाया - प्रत्येक साधक को अपने अन्त:करण को ज्योतिर्मय बनाने के लिए वीतराग प्रभु का स्मरण, चिन्तन और ध्यान करना चाहिए। चित्त की चंचलता और मलिनता को दूर करने के लिए प्रार्थना एक सरल और सुन्दर साधन है। हर घर में प्रभात काल में प्रत्येक सदस्य प्रार्थना के स्वर गुंजायमान करके हृदय में परमात्मा की अनुभूति का अनुभव करे।  
 
दिन भर में आगन्तुक दर्शनाथिर्यों से धर्म चर्चा करते हुए महासती वृन्द ने अनेक धर्म सूत्र जीवन निर्माण के लिए बताये।
 26 जून 2025 को गुरूवर्या श्री पुष्प–राज ग्रुप का प्रात: 6 बजे महावीर कॉलोनी पधारने का भाव है। श्रीमान् नीरज जी कांकरिया के निवास स्थान पर प्रार्थना का आयोजन होगा।