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भारत–ओमान के सैन्य रिश्ते और मजबूत, नई दिल्ली में संपन्न हुई तीसरी सेना प्रमुखों की बैठक

 

भारत और ओमान के बीच रक्षा सहयोग को नई दिशा मिली है। नई दिल्ली में 22 से 23 अक्तूबर 2025 तक दोनों देशों के बीच तीसरी आर्मी-टू-आर्मी स्टाफ टॉक्स (A2AST) आयोजित हुई। इस बैठक ने न केवल दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत किया, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति भारत और ओमान की साझा प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया।

बैठक का समापन फ्लैग सेरेमनी, उपकरण प्रदर्शनी और दोनों देशों के सैनिकों के बीच सौहार्दपूर्ण संवाद के साथ हुआ। इस पूरे आयोजन ने भारत–ओमान के सैन्य रिश्तों को नई मजबूती प्रदान की।

रक्षा सहयोग पर हुई विस्तृत चर्चा

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग को और गहरा करने के उपायों पर चर्चा की। प्रमुख बिंदु रहे —

संयुक्त सैन्य अभ्यासों का विस्तार

विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञों का आदान-प्रदान

प्रशिक्षण सहयोग को बढ़ाना

क्षमता विकास और सैन्य शिक्षा में नई साझेदारियाँ तलाशना

इन सभी पहलों को डिफेंस कोऑपरेशन प्लान 2026 के तहत आगे बढ़ाया जाएगा।
भारतीय सेना के जन सूचना निदेशालय (ADGPI) ने कहा कि यह बैठक ‘सैन्य कूटनीति और भारत–ओमान रक्षा सहयोग को नई दिशा देने वाला कदम’ साबित हुई है।

पिछले अभ्यास ‘अल नजाह’ की सफलता पर आधारित सहयोग

यह सहयोग पिछले वर्ष सितंबर 2024 में आयोजित भारत–ओमान के संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अल नजाह’ की सफलता पर आधारित है। यह अभ्यास ओमान के रबकूट ट्रेनिंग एरिया में हुआ था, जहाँ दोनों सेनाओं ने उत्कृष्ट तालमेल और संयुक्त ऑपरेशनल क्षमता का प्रदर्शन किया था।
इस वर्ष की स्टाफ टॉक्स का उद्देश्य उस सहयोग को संस्थागत रूप देना और आगे बढ़ाना रहा।

बैठक में शामिल अधिकारी

इस बैठक में दोनों देशों के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
भारत की ओर से —

अमित नारंग, भारत के ओमान में राजदूत

कैप्टन हरीश श्रीनिवासन, भारतीय रक्षा अताशे

ओमान की ओर से —

ब्रिगेडियर जनरल अब्दुलकाधिम बिन इब्राहिम अल-अजमी, कमांडर, 11वीं इन्फेंट्री ब्रिगेड

लेफ्टिनेंट कर्नल मसूद मुबारक अल-गाफरी, कमांडिंग ऑफिसर, फ्रंटियर फोर्स

संयुक्त लाइव-फायर डेमो

वार्ता के बाद दोनों देशों की सेनाओं ने एक संयुक्त लाइव-फायर प्रदर्शन किया, जिसमें लगभग 60 सैनिकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन जैसी परिस्थितियों में कार्रवाई का सिमुलेशन किया गया।
इस अभ्यास में शामिल रहे:

रेगिस्तानी इलाके में एक काल्पनिक गांव की घेराबंदी और सफाई अभियान

घर-घर जाकर बंधक मुक्त कराने की ड्रिल

दोनों सेनाओं के स्नाइपर्स द्वारा सटीक निशानेबाजी का प्रदर्शन

भारतीय आधुनिक उपकरणों का उपयोग

इस अभ्यास की एक खासियत रही कि इसमें भारतीय निर्मित उन्नत सैन्य उपकरणों का प्रयोग किया गया —

ड्रोन (रियल-टाइम निगरानी के लिए)

बैलिस्टिक शील्ड (सुरक्षा और क्लोज-क्वार्टर ऑपरेशन के लिए)

बंधक मुक्ति ऑपरेशन के लिए विशेष गियर

इन तकनीकों ने दोनों सेनाओं की आधुनिक क्षमता और संयुक्त तैयारी को नई मजबूती दी।