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इस्राइल-हमास युद्धविराम: अमेरिका ने भेजे 200 सैनिक, गाजा में राहत की उम्मीद

 

लगातार दो वर्षों से खून और बारूद की चपेट में रहे गाजा पट्टी में अब राहत की उम्मीद जग उठी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम के पहले चरण पर सहमति बन गई है। यह ऐतिहासिक समझौता काहिरा में हुई वार्ता के दौरान हुआ, जिसकी औपचारिक घोषणा शुक्रवार को की गई।

बंधकों की रिहाई और कैदियों का आदान-प्रदान

समझौते के पहले चरण के तहत, हमास 7 अक्टूबर 2023 के हमले में बंदी बनाए गए 48 इस्राइली नागरिकों को रिहा करेगा। हालांकि इनमें से केवल करीब 20 लोगों के जीवित होने की उम्मीद जताई गई है। इसके बदले इस्राइल सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, जिनमें महिलाएं, नाबालिग और उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी शामिल हैं।
समझौते के अनुसार, एक इस्राइली बंधक के बदले 100 फिलिस्तीनी कैदी छोड़े जाएंगे।

सैन्य गतिविधियों पर रोक

युद्धविराम लागू होते ही दोनों पक्षों की सभी सैन्य कार्रवाइयों पर रोक रहेगी। न तो हवाई हमले होंगे, न तोपों से गोलाबारी। इस्राइली सेना अपनी स्थिति पर बनी रहेगी और हमास भी कोई नया हमला नहीं करेगा।

अमेरिका की भूमिका और सैनिकों की तैनाती

युद्धविराम की निगरानी और मानवीय सहायता की व्यवस्था के लिए अमेरिका ने 200 सैनिक इस्राइल भेजने की घोषणा की है। ये सैनिक इस्राइल में बनाए जाने वाले सिविल-मिलिट्री कोऑर्डिनेशन सेंटर में काम करेंगे, जिसका उद्देश्य मानवीय राहत, लॉजिस्टिक सपोर्ट और सुरक्षा व्यवस्था का समन्वय करना होगा।
अमेरिकी सेना के साथ कई साझेदार देश, गैर-सरकारी संगठन (NGOs) और निजी एजेंसियां भी इस प्रक्रिया में शामिल होंगी।
अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसके सैनिक गाजा में प्रवेश नहीं करेंगे, वे केवल इस्राइल से ही राहत और निगरानी कार्यों का संचालन करेंगे।

इस्राइल की राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने घोषणा की कि कैबिनेट ने बंधकों की रिहाई और युद्धविराम की रूपरेखा को मंजूरी दे दी है। नेतन्याहू ने इसे “हमारे नागरिकों को घर लाने और गाजा में स्थायी शांति बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम” बताया।
हालांकि इस्राइली राजनीति में इस समझौते को लेकर मतभेद हैं — कुछ मंत्री इसे कूटनीतिक जीत मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे हमास के आगे झुकना बता रहे हैं।

संघर्ष की पृष्ठभूमि

यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास ने अचानक इस्राइल पर हमला किया। इस हमले में करीब 1,200 इस्राइली नागरिक मारे गए और 250 को बंधक बना लिया गया
इसके जवाब में इस्राइल ने गाजा पर पूर्ण घेराबंदी और तेज सैन्य अभियान शुरू कर दिया। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक की जंग में 67,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों में कहा गया है कि गाजा में भुखमरी, जल संकट और अस्पतालों की तबाही जैसी भयावह स्थिति पैदा हो चुकी है।

ट्रंप की प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति ट्रंप ने इस समझौते को अपनी मध्यस्थता की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा,

“मैंने अब तक आठ बड़े युद्ध या संघर्ष रुकवाए हैं — यह आठवां है। मुझे विश्वास है कि रूस-यूक्रेन युद्ध भी जल्द खत्म होगा। अगर मैं तब राष्ट्रपति होता, तो वह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।”

व्हाइट हाउस में दिए बयान में ट्रंप ने इस समझौते को “मानवता की जीत” बताया और कहा कि अब जरूरत है भरोसे और संयम की, ताकि यह शांति स्थायी रूप ले सके
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के अनुसार, यह युद्धविराम एक महत्वपूर्ण लेकिन नाजुक कदम है — जिसकी सफलता दोनों पक्षों की राजनीतिक इच्छा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर निर्भर करेगी।