जयपुर-अजमेर हाईवे पर केमिकल टैंकर एवं एलपीजी ट्रक में भीषण आगजनी की घटना
मंगलवार देर रात जयपुर-अजमेर हाईवे पर दूदू क्षेत्र के मौखमपुरा के पास एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें केमिकल से भरे टैंकर और एलपीजी सिलेंडरों से लदे ट्रक की टक्कर के बाद आग लग गई। हादसे के कारण हाईवे पर भारी विस्फोट हुए और आग की लपटों ने आसपास के कई वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरटीओ की गाड़ी देखकर घबराए टैंकर चालक ने वाहन को सड़क किनारे ढाबे की ओर मोड़ने का प्रयास किया, इसी दौरान सामने खड़े एलपीजी सिलेंडर से भरे ट्रक से टक्कर हो गई। टक्कर के साथ ही हुए स्पार्क से भीषण आग भड़क उठी। देखते ही देखते सिलेंडरों में विस्फोट शुरू हो गए और करीब दो घंटे तक 200 से अधिक सिलेंडर फटते रहे। धमाकों की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जबकि कई सिलेंडर 500 मीटर दूर खेतों में जाकर गिरे।
हादसे में टैंकर चालक की मौके पर ही जलकर मृत्यु हो गई, जबकि ट्रक चालक बाल-बाल बच गया। आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पास खड़े चार से पाँच अन्य ट्रक भी जलकर खाक हो गए। सूचना मिलते ही दमकल की 12 गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं और लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। तब तक दोनों मुख्य वाहन पूरी तरह नष्ट हो चुके थे।
हादसे के कारण जयपुर-अजमेर हाईवे के दोनों ओर करीब 20 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए वाहनों को किशनगढ़ और टोंक रोड की ओर डायवर्ट किया गया। हाईवे को सुबह लगभग 4:30 बजे पुनः सामान्य यातायात के लिए खोल दिया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएमएस अस्पताल को अलर्ट मोड पर रखा गया। अस्पताल में आईसीयू बेड रिजर्व किए गए और प्लास्टिक सर्जरी सहित सभी संबंधित मेडिकल टीमें तैनात की गईं। शव के अवशेषों को बैग में भरकर अस्पताल भेजा गया।
राज्य के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा तथा जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए अधिकारियों को हादसे की जांच और भविष्य में ऐसे मामलों से बचाव के लिए आवश्यक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि हादसे के शुरुआती दो घंटे तक न तो दमकल मौके पर पहुंची और न ही कोई सुरक्षा इंतजाम किए गए, जिससे नुकसान की तीव्रता बढ़ गई। इस घटना ने एक बार फिर यह प्रश्न उठाया है कि क्या हमारे राष्ट्रीय राजमार्गों पर खतरनाक रसायनों और गैस सिलेंडरों के परिवहन हेतु पर्याप्त सुरक्षा मानक लागू हैं।