राजनाथ सिंह दो दिवसीय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर, रक्षा साझेदारी को नए आयाम देने पर होगा फोकस
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को दो दिन की आधिकारिक यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे। उनका यह दौरा ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के निमंत्रण पर हो रहा है। सिडनी के किंग्सफोर्ड स्मिथ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारत के हाई कमिश्नर गोपाल बागले और वरिष्ठ ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
रणनीतिक साझेदारी को और गहराई देने पर चर्चा
राजनाथ सिंह का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और ऑस्ट्रेलिया अपने व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) के पांच वर्ष पूरे कर रहे हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है।
दौरे के दौरान रक्षा मंत्री अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों में रक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने पर विस्तृत बातचीत होगी।
क्वाड देशों के बीच सहयोग पर जोर
भारत और ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान के साथ मिलकर चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता (क्वाड) के तहत एक मुक्त, खुला और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। राजनाथ सिंह का यह दौरा क्वाड के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में भी अहम माना जा रहा है।
तीन समझौतों पर हो सकती है मुहर
इस यात्रा के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इनमें शामिल हैं:
सूचना साझेदारी में सहयोग को बढ़ावा देना,
समुद्री क्षेत्र में साझेदारी को सशक्त बनाना, और
संयुक्त गतिविधियों को प्रोत्साहन देना।
व्यापार और उद्योग जगत की सहभागिता
राजनाथ सिंह सिडनी में एक बिजनेस राउंड टेबल की अध्यक्षता भी करेंगे, जिसमें दोनों देशों के उद्योग जगत के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस बैठक में रक्षा उत्पादन, तकनीकी सहयोग और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा होगी।
लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ा गहरा रिश्ता
भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों लोकतांत्रिक परंपराओं, संसदीय प्रणाली और कॉमनवेल्थ विरासत को साझा करते हैं। व्यापार, शिक्षा, पर्यटन और खेल के क्षेत्र में भी दोनों देशों के संबंध लगातार मजबूत हुए हैं। बड़ी संख्या में भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे हैं, जो इस संबंध का अहम आयाम हैं।
रक्षा मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि यह यात्रा भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को एक नए और ठोस चरण में ले जाएगी तथा रक्षा सहयोग को और अधिक व्यापक एवं परिणाममुखी बनाएगी।