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पहाड़ों पर बर्फबारी से ठंड ने दी दस्तक, ला नीना से बढ़ सकती है शीतलहर का खतरा

 

देश के मौसम में एक बार फिर बदलाव देखने को मिल रहा है। पहाड़ों पर बर्फबारी ने ठंड की दस्तक दे दी है, वहीं कई राज्यों में हुई बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अक्टूबर की शुरुआत में ही बढ़ती ठंड ने लोगों को गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया है।

इस बीच मौसम विभाग (IMD) और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की ताज़ा रिपोर्ट्स ने लोगों को चौका दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर के बीच "ला नीना" सक्रिय हो सकता है, जिससे उत्तर भारत और पहाड़ी इलाकों में भीषण शीतलहर, भारी बर्फबारी और सामान्य से काफी कम तापमान देखने को मिल सकता है।

क्या है ला नीना?

ला नीना एक जलवायु घटना है, जब प्रशांत महासागर का सतही तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है। इस बदलाव का असर दुनिया भर के मौसम पर पड़ता है। भारत में इसका प्रभाव ठंड और बारिश दोनों में वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है।

किस क्षेत्रों पर सबसे अधिक असर

ला नीना का सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत के मैदानों और पहाड़ी राज्यों पर पड़ सकता है — जिनमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे शीतलहर, पाला, बर्फबारी और रिकॉर्ड स्तर की ठंड का खतरा बढ़ सकता है। किसानों के लिए यह चेतावनी का संकेत माना जा रहा है, क्योंकि अत्यधिक ठंड से फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। IMD के अनुसार, ला नीना के सक्रिय होने की संभावना 70% से अधिक है।

दिल्ली में बारिश से जनजीवन प्रभावित

दिल्ली-एनसीआर में सोमवार के बाद मंगलवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। दोपहर बाद हुई तेज बारिश से कई इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 4.4 डिग्री कम यानी 29.8 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.3 डिग्री अधिक 21 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक, यह बारिश उत्तरी राजस्थान और हरियाणा के ऊपर बने प्रेरित निम्न दबाव क्षेत्र के कारण हो रही है।