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राजस्थान हाईकोर्ट का कड़ा रुख: सरकारी इमारतों में हो रहे हादसों पर जताई गंभीर चिंता, 9 अक्टूबर तक सुरक्षा रोडमैप प्रस्तुत करने का निर्देश

 

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में सरकारी इमारतों में हो रही दुर्घटनाओं को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि कुछ सरकारी भवन गिर रहे हैं, तो कुछ में आग लग रही है — आखिर सरकारी इमारतों की स्थिति इतनी खराब क्यों है?

यह टिप्पणी हाईकोर्ट की खंडपीठ — न्यायमूर्ति महेन्द्र कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अशोक कुमार जैन — ने सोमवार को उस समय की, जब रविवार रात जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में आग लगने की घटना सामने आई, जिसमें ICU में भर्ती आठ मरीजों की मौत हो गई थी।

अदालत इस दौरान उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो जुलाई में झालावाड़ जिले में एक सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से संबंधित थी। उस हादसे में सात छात्रों की जान चली गई थी।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि राज्य सरकार आगामी 9 अक्टूबर तक एक ठोस सुरक्षा रोडमैप पेश करे, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके, विशेषकर स्कूलों और अस्पतालों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।

राज्य के महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) श्री राजेन्द्र प्रसाद ने अदालत को सूचित किया कि असुरक्षित घोषित किए गए स्कूल भवनों से छात्रों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। साथ ही, इन भवनों की मरम्मत और पुनर्निर्माण हेतु आवश्यक धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है।