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एसएमएस अस्पताल में आग: आठ मरीजों की मौत, न्यायिक जांच और मुआवजे की मांग, सियासी हलचल तेज

 

जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में भीषण अग्निकांड के चलते आठ मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए हैं। शोकाकुल परिवारों ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की है, वहीं मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है।

परिजन कर रहे हैं न्यायिक जांच की मांग, युवाओं को हिरासत में लिया गया

मृतकों के परिजन अस्पताल परिसर में प्रदर्शन करते हुए मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे। इसी दौरान कुछ युवा नेता भी प्रदर्शन में शामिल हो गए, जिन्हें पुलिस ने मौके से हिरासत में ले लिया। अस्पताल परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

केंद्रीय मंत्री शेखावत की प्रतिक्रिया

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस दुर्घटना को दुखद बताते हुए मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह समय किसी पर व्यक्तिगत आरोप लगाने का नहीं है। यदि जांच में किसी व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, यदि तकनीकी खामी रही है तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

हनुमान बेनीवाल की मांग: एक-एक करोड़ का मुआवजा

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए घटना की हाईकोर्ट के सिटिंग या रिटायर्ड जज की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने और झुलसे हुए मरीजों का बेहतर इलाज कराने की मांग भी उठाई है। इसके साथ ही राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा और आपात प्रबंधन प्रणाली की तत्काल समीक्षा करवाने की बात कही है।

परिजनों से बातचीत के प्रयास, प्रशासन का हस्तक्षेप

अस्पताल प्रशासन ने बंद कमरे में परिजनों के साथ बातचीत की कोशिश की। प्रारंभ में परिजन बातचीत के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में समझाइश के बाद उनके प्रतिनिधि सरकार से चर्चा के लिए राजी हो गए। प्रशासन की ओर से उपमुख्यमंत्री, कलेक्टर और अन्य अधिकारी अस्पताल में मौजूद रहे।

मंत्रियों का दौरा, परिजन असंतुष्ट

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। परिजनों के अनुसार, मंत्रियों ने सरकार की संवेदनशीलता व्यक्त की है, लेकिन ठोस भरोसा नहीं दिला पाए।

मुख्यमंत्री की चुप्पी पर उठे सवाल

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी रात में अस्पताल पहुंचे, लेकिन उन्होंने किसी परिजन से बात नहीं की। परिजनों का आरोप है कि सरकार के मंत्री तो अस्पताल में आ-जा रहे हैं, लेकिन उनसे कोई सीधी बातचीत नहीं कर रहा। कुछ परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि मृतकों के घर जाकर उन्हें धमकाया गया।

गहलोत ने जताई नाराज़गी, न्यायिक आयोग की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पीड़ितों के साथ संवेदनशील व्यवहार नहीं किया गया, जिससे परिजनों में नाराज़गी है। गहलोत ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे तुरंत पीड़ितों से संवाद स्थापित करें और न्यायिक आयोग का गठन कर जांच करवाएं, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।