 
                            
                        बिहार विधानसभा चुनाव 2025: चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में तारीखों का ऐलान जल्द, मतदाता सूची में हुआ बड़ा बदलाव
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जो दो चरणों में अपनी ज़िम्मेदारी निभाती है — पहला, मतदाता सूची का निर्माण और दूसरा, चुनाव कराना।
मतदाता सूची में बड़ा बदलाव: 47 लाख नाम हटे, 5.4 लाख नए मतदाता जुड़े
चुनाव को देखते हुए बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान चलाया गया, जो जून 2025 से शुरू होकर 30 सितंबर 2025 को समाप्त हुआ। अंतिम मतदाता सूची के अनुसार:
कुल पंजीकृत मतदाता: 7,41,92,357
2020 की तुलना में वृद्धि: 5,44,697 नए मतदाता
SIR के बाद हटाए गए नाम: 47,77,487
इस प्रक्रिया में ड्राफ्ट सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की गई थी और 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियों का मौका दिया गया। 30 सितंबर को फाइनल लिस्ट जारी की गई।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि नामांकन से 10 दिन पहले तक कोई भी पात्र नागरिक अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकता है। यदि कोई गलती रह जाए तो संबंधित जिलाधिकारी के पास अपील की जा सकती है।
मैथिली ठाकुर के चुनाव लड़ने की अटकलें तेज
लोकप्रिय लोकगायिका मैथिली ठाकुर को लेकर चर्चा है कि वे बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। हाल ही में उन्होंने बीजेपी नेताओं विनोद तावड़े और नित्यानंद राय से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में उनके पिता भी मौजूद थे। इससे उनके चुनावी राजनीति में आने की अटकलें तेज हो गई हैं।
एनडीए में सीट बंटवारे पर चर्चा जारी
बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर वरिष्ठ नेताओं के बीच बातचीत जारी है। उन्होंने दावा किया, "हमारा लक्ष्य 200+ सीटें जीतने का है। सभी दल सही निर्णय लेने में सक्षम हैं।"
विपक्ष की प्रतिक्रिया: कांग्रेस ने कहा- घोषणा देर से हुई
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने चुनाव तारीखों की घोषणा को लेकर कहा, "यह घोषणा बहुत पहले हो जानी चाहिए थी। हम पूरी तरह से तैयार हैं। जनता इस बार मुद्दों पर वोट देगी — अपराध, शिक्षा, पेपर लीक जैसे विषयों पर। भाजपा हमेशा अपने हिसाब से चुनाव की टाइमिंग तय करती है, जनता की सुविधा नहीं देखती।"
महाराष्ट्र में भी SIR की मांग
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने बिहार में हुए मतदाता सूची शुद्धिकरण की सराहना की और कहा कि महाराष्ट्र में भी SIR की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि बिहार में लगभग 40 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
बिहार में चुनाव आयोग की 17 नई पहलें
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार बिहार चुनाव में 17 नई पहलें की जा रही हैं, जिन्हें आगे चलकर देशभर में लागू किया जाएगा। इनमें प्रमुख हैं:
मतदाता पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर पहचान पत्र जारी करना
सभी मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन रखने की सुविधा
एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का नया ढांचा