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कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला: सरकार ने Dextromethorphan HBr Syrup को दी क्लीन चिट, भरतपुर में एक और मौत का दावा

 

राजस्थान में खांसी की एक सिरप को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। भरतपुर जिले की वैर तहसील से एक बार फिर Dextromethorphan HBr Syrup पीने के बाद एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि बच्चे की तबीयत इस सिरप के सेवन के बाद बिगड़ी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

हालांकि, सरकार ने इस दवा को क्लीन चिट दे दी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने सिरप की गुणवत्ता जांच के बाद इसे मानक के अनुरूप पाया है। यह दवा कैसन फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित की गई थी और इसे मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत राजकीय अस्पतालों में जून 2025 से वितरित किया जा रहा था। अब तक राज्य भर में इसकी 1.64 लाख डोज मरीजों को दी जा चुकी हैं।

स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि,

"यह सिरप जिन बच्चों को दी गई, वह सरकारी अस्पतालों की पर्ची पर न लिखी गई थी, न ही वहां से देने की सलाह दी गई थी। यदि कोई माता-पिता बिना डॉक्टर की सलाह के कहीं से भी दवा लाकर बच्चे को दे देते हैं और हादसा हो जाता है, तो उसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई भूमिका नहीं मानी जा सकती।"

मंत्री ने यह भी बताया कि दवा की जांच करवाई जा चुकी है और उसमें कोई गड़बड़ी नहीं मिली। फिर भी, वे जयपुर जाकर मामले की अतिरिक्त जांच कराने की बात कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जैसे ही यह मामला सामने आया, स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल संज्ञान लेते हुए RMSCL (राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड) को दवा का वितरण रोकने और जांच के निर्देश दिए थे। साथ ही, तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर सिरप के सैंपल राजकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में भेजे गए थे, जहां से सिरप को क्लीन चिट मिल गई।