गाजा शांति योजना को ट्रंप का समर्थन, आठ अरब देशों ने किया स्वागत; अमेरिका की साझेदारी को बताया ज़रूरी
वॉशिंगटन/दोहा/काहिरा – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत की गई गाजा शांति योजना को आठ प्रमुख अरब और मुस्लिम बहुल देशों ने अपना समर्थन दिया है। इस योजना में गाजा में चल रहे युद्ध को तत्काल समाप्त करने, 72 घंटे में सभी बंधकों की रिहाई, और गाजा में व्यापक मानवीय सहायता सुनिश्चित करने के प्रस्ताव शामिल हैं।
यह 21 सूत्रीय योजना ट्रंप और इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच हुई वार्ता के बाद सामने आई। योजना के प्रमुख बिंदुओं में गाजा को आतंक-मुक्त क्षेत्र बनाना, उसका पुनर्निर्माण करना, तथा फलस्तीनी जनता के लिए आर्थिक व सामाजिक अवसरों को बढ़ाना शामिल है।
समर्थन देने वाले देश
इस प्रस्ताव का जॉर्डन, कतर, सऊदी अरब, तुर्किये, मिस्र, यूएई, इंडोनेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों ने संयुक्त रूप से समर्थन किया है। इन देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता लाने के लिए अमेरिका की भागीदारी अनिवार्य है।
संयुक्त बयान में कहा गया, "हम राष्ट्रपति ट्रंप की उस घोषणा का स्वागत करते हैं, जिसमें उन्होंने युद्ध रोकने, गाजा के पुनर्निर्माण, फलस्तीनी विस्थापन को रोकने और शांति की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही है। हम अमेरिका के साथ मिलकर एक ऐसा व्यापक समझौता चाहते हैं जिससे गाजा में मानवीय मदद निर्बाध रूप से पहुंच सके।"
हमास की चुप्पी
हालांकि, अब तक हमास की ओर से इस योजना पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहले इस योजना का समर्थन जता चुके हैं।
क्या है ट्रंप की 21 सूत्रीय शांति योजना?
यह योजना गाजा में स्थायी शांति लाने और पुनर्निर्माण सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। इसके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
गाजा को आतंकवाद-मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाएगा।
दोनों पक्षों की सहमति के बाद इज़रायल सैन्य कार्रवाई रोक देगा और गाजा से सेना चरणबद्ध तरीके से हटाएगा।
योजना स्वीकार होने के 48 घंटे के भीतर सभी बंधकों को रिहा किया जाएगा।
बंधकों की रिहाई के बाद, इज़रायल सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों और मृतकों के शवों को वापस करेगा।
शांतिपूर्ण जीवन की शपथ लेने वाले हमास सदस्यों को माफी दी जाएगी; अन्य को सुरक्षित देश में बसाया जाएगा।
गाजा में रोजाना कम से कम 600 ट्रकों के माध्यम से मानवीय सहायता पहुंचेगी।
सहायता वितरण संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रिसेंट जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से किया जाएगा।
गाजा का प्रशासन फिलिस्तीनी तकनीकी विशेषज्ञों के नियंत्रण में रहेगा, जिसकी निगरानी अंतरराष्ट्रीय समिति करेगी।
आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी।
गाजा में विशेष आर्थिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
किसी भी व्यक्ति को जबरन गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
हमास को गाजा की शासन व्यवस्था में कोई भूमिका नहीं मिलेगी।
सभी आतंकी सुरंगें और सैन्य ढांचे नष्ट किए जाएंगे।
क्षेत्रीय देश हमास और अन्य समूहों से समझौते का पालन करवाएंगे।
अमेरिका व सहयोगी देशों की मदद से एक अस्थायी सुरक्षा बल गाजा में तैनात किया जाएगा।
इज़रायल गाजा पर स्थायी कब्जा नहीं करेगा।
यदि हमास देरी करता है, तो योजना पहले आतंक-मुक्त क्षेत्रों में लागू होगी।
इज़रायल कतर पर कोई हमला नहीं करेगा, और कतर की मध्यस्थता को मान्यता दी जाएगी।
गाजा में चरमपंथ हटाने के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
भविष्य में फलस्तीनी राज्य का रास्ता खुलेगा, जब गाजा का पुनर्निर्माण और प्रशासनिक सुधार पूरे होंगे।
अमेरिका, इज़रायल और फलस्तीन के बीच दीर्घकालिक राजनीतिक समाधान पर बातचीत जारी रहेगी।