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बार-बार सांस फूलना हो सकता है गंभीर बीमारियों का संकेत – न करें नजरअंदाज

 

क्या आपको भी हल्का सा चलने, सीढ़ियां चढ़ने या थोड़ा सा काम करने पर सांस फूलने लगती है? अगर हां, तो इसे सिर्फ थकान, उम्र या फिटनेस की कमी मानकर टालिए मत। बार-बार या बिना किसी स्पष्ट कारण के सांस फूलना, कई बार गंभीर बीमारियों का शुरुआती संकेत हो सकता है।

सिर्फ थकान नहीं – हो सकता है दिल या फेफड़ों की बीमारी का लक्षण

अक्सर लोग सांस फूलने को फेफड़ों की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी – जैसे हार्ट अटैक – का संकेत भी हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, लगभग 40% हार्ट अटैक मरीजों में सांस फूलने की समस्या देखने को मिलती है।

जब दिल की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, तो यह ठीक से पंप नहीं कर पाता, जिससे फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

हर बार हार्ट अटैक नहीं – ये अन्य कारण भी हो सकते हैं

हर बार सांस फूलने का मतलब हार्ट अटैक नहीं होता। इसके कई और संभावित कारण हो सकते हैं:

🔹 अस्थमा:
अस्थमा एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें वायुमार्ग में सूजन आ जाती है। अस्थमा अटैक के दौरान मरीज को तेजी से सांस लेना पड़ता है, जिसमें आवाज भी आ सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में 26 करोड़ से ज्यादा लोग अस्थमा से पीड़ित हैं और उनमें सांस फूलना आम लक्षण है।

🔹 एनीमिया (खून की कमी):
हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे थोड़ी सी मेहनत में भी सांस फूलने लगती है। यह स्थिति खासतौर पर महिलाओं और बच्चों में ज्यादा पाई जाती है।

क्या करें?

बार-बार या बिना कारण सांस फूलना नजरअंदाज न करें

थकान, चक्कर, सीने में दर्द जैसे अन्य लक्षणों के साथ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

दिल, फेफड़े और ब्लड से जुड़ी जांच समय पर कराएं

अस्थमा या एनीमिया है तो नियमित इलाज और फॉलोअप ज़रूरी है

निष्कर्ष:

सांस फूलना सिर्फ एक आम लक्षण नहीं है। यह शरीर की अंदरूनी गड़बड़ियों का चेतावनी संकेत हो सकता है। इसलिए अगर यह समस्या लगातार बनी हुई है, तो समय रहते डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है। सही समय पर लिया गया कदम आपकी जान भी बचा सकता है।