महर्षि दयानन्द के जीवन से लें प्रेरणा - प्रो0 अनिल शुक्ला

महर्षि दयानन्द के जीवन से लें प्रेरणा - प्रो0 अनिल शुक्ला

महर्षि दयानन्द के जीवन से लें प्रेरणा - प्रो0 अनिल शुक्ला

महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर की स्थापना 1 अगस्त 1987 को हुई थी तथा अगस्त माह में जब सर्वत्र हरितमा वातावरण होता है तब मन स्वतः प्रफुल्लित हो उठता है। महर्षि दयानन्द के जीवनगाथा के अनुसरण करने तथा वेदोक्त आचरण करने से भी मन की प्रफुल्लता के साथ जीवन के उत्कर्ष का मार्गदर्शन प्राप्त होता है। अजमेर की धरा जिसने गायत्री मंत्र के द्वारा ओंकार नाद का उद्घोष पूरे विश्व में किया यह हमारे मन के मैल को दूर करे और विश्वविद्यालय का प्रत्येक व्यक्ति अपने मन के भावों को गायत्री मंत्र के जप से परिशुद्ध करे यही प्रेरणा स्थापना दिवस के अवसर पर हमें लेनी होगी। उक्त विचार महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के कुलपति प्रो0 अनिल कुमार शुक्ला ने विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित वैदिक यज्ञ के दौरान व्यक्त किए।
स्थापना दिवस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रो. रीटा मेहरा, प्रो आशीष भटनागर, प्रो. शिव प्रसाद, प्रो. सुब्रतो दत्ता, प्रो. ऋतु माथुर, पूर्व आचार्य प्रो. प्रवीण माथुर, प्रो. शिवदयाल सिंह, प्रो. मोनिका भटनागर, प्रो. नरेश कुमार धीमान, डाॅ. आशीष पारीक, डा. लारा शर्मा, कुलसचिव सीमा शर्मा, उपकुलसचिव डाॅ. दिग्विजय सिंह चैहान, डाॅ. सुनील टेलर, सहायक कुलसचिव डाॅ. सूरज मल राव, डाॅ. तपेश्वर कुमार सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।