बालश्रम और बाल विवाह बचपन के लिए अभिशाप
बालश्रम और बाल विवाह बचपन के लिए अभिशाप
: राजस्थान महिला कल्याण मण्डल चाचियावास के द्वारा कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउण्डेशन के सहयोग से संचालित एक्सेस टू जस्टिस परियोजना के तहत बालश्रम प्रतिकार दिवस का आयोजन कर बालश्रम उन्मूलन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उपनिदेशक नानूलाल प्रजापति ने बताया कि कार्यक्रम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजेन्द्र कुमार ढ़ाबी ने मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि बालश्रम, बालविवाह, बाल यौन शोषण आदि बचपन के लिए अभिशाप है। हमें अपने बच्चों को अधिक से अधिक शिक्षित करना चाहिए ताकि समाज से इन सभी बुराईयों का अन्त हो सके। श्री ढाबी ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पिड़ित बच्चे को निशुल्क विधिक सहायता के साथ-साथ पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत उसके पुनर्वास के लिए उचित मुआवजा भी दिलवाता है। अतः सभी को जागरूक होकर बच्चों की न्याय तक पहॅूच बनाने एवं बचपन को सुरक्षित करने में आगे आना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान परियोजना के जिला समन्वयक दीपक जोरम एवं काउंसलर ज्योति मण्डरावलिया ने बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी दी एवं उपस्थित लोगों को बालश्रम एवं बालविवाह नहीं कराने की शपथ दिलाई गई।
कार्यक्रम में संस्था द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं संस्था कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। संस्था के सत्तार मोहम्मद, रामनिवास प्रजापति, दक्ष कोर्डिनेटर रौनक गौयल, लघू उद्योग भारती जिला महिला ईकाई अध्यक्ष दिव्या सोमानी आदि उपस्थित थे।