हिमाचल में हिमपात होने से शीतलहर

हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी के बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रोहतांग सहित शिंकुला, बारालाचा व अन्य दर्रों में दो फीट ताजा हिमपात हुआ है। सोमवार को शिमला के नारकंडा, मनाली व चंबा जिले के डलहौजी में सीजन का पहला हिमपात हुआ। मौसम विभाग के अनुसार कुछ दिन मौसम साफ रहने का अनुमान है। हालांकि, कुछ स्थानों पर बादल छाए रहने की संभावना है। अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है। 17 नवंबर से पश्चिमी विक्षोभ फिर सक्रिय होगा। 150 सड़कें बंद लाहुल घाटी में 10 इंच बर्फ गिरने से सभी सड़कें बंद हो गई हैं और शेष विश्व से संपर्क कट गया है। चंबा जिले के किलाड़ में एक फीट, चस्क भटोरी में डेढ़ फीट हिमपात हुआ। हिमपात व वर्षा के बाद समूचे प्रदेश शीतलहर चल रही है। सिरमौर जिला के चूड़धार में भी ताजा हिमपात हुआ है। प्रदेशभर में 150 सड़कें बंद हैं। इनमें लाहुल स्पीति में 139, कुल्लू में पांच, कांगड़ा में तीन, चंबा में दो और शिमला में एक सड़क बंद हैं। इन्हें यातायात के लिए खोलने का प्रयास किया जा रहा है। केलंग में 14 और कल्पा में दो सेंटीमीटर बर्फ गिरी है। 10.6 डिग्री तक गिरा अधिकतम तापमान केलंग में न्यूनतम के साथ अधिकतम तापमान भी जमाव बिंदु से नीचे चला गया है। सीजन में ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि कई स्थानों पर पांच से 10 डिग्री सेल्सियस से अधिक अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। अधिकतम तापमान में सबसे अधिक गिरावट रिकांगपिओ में 10.6, चंबा व भुंतर में 10, कल्पा में 8.8, मंडी में 8.3, मनाली मे 7.8 डिग्री तक की गिरावट आई है। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान ऊना में 22.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हिमपात-वर्षा बागवानी व कृषि के लिए बेहतर कृषि विशेषज्ञों के अनुसार वर्षा और हिमपात बागवानी व कृषि के लिए बेहतर है। जिन क्षेत्रों में अब तक रबी फसलों की बुआई नहीं हो सकी, वहां अब यह कार्य हो सकेगा। हिमपात से सेब के पौधों में रोग नहीं लगते हैं।

हिमाचल में हिमपात होने से शीतलहर